नयी दिल्ली, राज्यसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में गड़बड़ी के आरोपों से घिरी कांग्रेस अपनों के विरोध तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति के कारण कई सीटों पर फंसती हुई नजर आ रही है और राजस्थान, महाराष्ट्र तथा हरियाणा में एक एक सीट पर उसकी मुश्किल ज्यादा ही बढ़ गई है।
राज्य सभा की 57 सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होना है। कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम का जो ऐलान किया है उसको लेकर पार्टी में शुरू से ही विरोध के स्वर उठ रहे हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा विरोध श्री इमरान प्रतापगढ़ी का हो रहा है। कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र से टिकट दिया है। उनको लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी कड़ा पत्र लिखकर पूछ रहे हैं कि क्या इसी तरह से दरबारियों को टिकट दिया जाता रहेगा। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और नगमा प्रतागढ़ी भी श्री प्रतापगढ़ी को टिकट दिए जाने पर नारजगी जाहिर कर चुके हैं। श्री खेड़ा ने कहा कहा था कि शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व अभिनेत्री नगमा ने और तीखे अंदाज में कहा कि हमारी 18 साल की तपस्या भी इमरान भाई के सामने कम रह गई। वह यहीं नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा, “हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी ने व्यक्तिगत रूप से मुझे 2003-04 में राज्यसभा में भेजने के लिए आश्वासन दिया था।” पार्टी नेता इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट दिए जाने का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है।
कांग्रेस के लिए उसके शासन वाले राज्य राजस्थान में भी एक सीट पर मुश्किल हो रही है। उसने राज्य से तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं लेकिन दिक्कत यह है कि इनमें से कोई भी राजस्थान का रहने वाला नहीं है और वहां बाहरी उम्मीदवार बताकर उनका विरोध हो रहा है। राज्य में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है और वहां से कांग्रेस दो सीटों पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है लेकिन उसने अपने तीन नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है।
इस बीच यहां भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उद्योगपति सुभाष चंद्रा मुकाबले में आ गये हैं। वह पहले हरियाणा से राज्य सभा के निर्दलीय सदस्य रहे हैं लेकिन इस बार राजस्थान में उनके आने से मुकाबला रोचक हो गया है। कांग्रेस में बाहरी लोगों को टिकट देने के बगावती स्वर के बीच उद्योगपति सुभाष चंद्रा खुद को राजस्थान का बेटा बताकर राज्यसभा में पहुंचना चाहते हैं। उनके चुनाव में उतरने से कांग्रेस में खलबली मच गई है और यदि कांग्रेस का उम्मीदवार हारता है तो उसके लिए शर्मिंदगी जैसी बात होगी।
कांग्रेस के लिए हरियाणा में भी संकट की स्थिति पैदा हो गई है और वहां महासचिव अजय माकन फंसते हुए नजर आ रहे हैं। वहां दो सीटों पर राज्यसभा के चुनाव हैं। भाजपा की एक सीट पक्की है, लेकिन दूसरी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देकर उसने कांग्रेस की मुश्किल बढा दी है। उम्मीदवार अजय माकन को फंसा दिया है।