मथुरा, उत्तर प्रदेश में मथुरा के बरसाने में राधाष्टमी पर आनेवाले लाखों श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।
एसएसपी शैलेष कुमार पाण्डे के साथ व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि भीड़ का दबाव अधिक बढ़ने पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है । उन्होंने बताया कि कुंडो में स्नान पर न केवल रोक लगा दी गई है बल्कि उन पर विशेष पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बारिश के मौसम को देखते हुए प्रत्येक पार्किंग में चेकर्ड प्लेट यानी लोहे की विशेष प्लेट लगाना आवश्यक कर दिया गया है। इससे वाहनेां के आवागमन में कोई परेशानी नही होगी।
दस स्थानों पर मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं तथा दस एम्बुलेंस लगाई गई हैं। तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं से सद्व्यवहार करने को कहा गया है।
उधर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डे ने बताया कि आईजी दीपक कुमार के निर्देशों के अनुसार यदि किसी सेक्टर पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उस सेक्टर के सेक्टर मजिस्ट्रेट और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए 2000 सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं जिनमें 6 एडीशनल एसपी, 32 क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी,70 इंसपेक्टर व 4 महिला इंसपेक्टर,14 महिला संब इंसपेक्टर समेत 224 सब इन्सपेक्टर, 1000 कान्सटेबिल व 130 महिला कांन्सटेबिल, 350 होमगार्ड, 3 कम्पनी पीएसी, कुंडो में स्नान या डूबने की घटना रोकने के लिए एक कम्पनी फ्लड पीएसी को लगाया गया है।
राधाष्टमी पर राधारानी के ननिहाल रावल में उनका जन्म होने के कारण वहां पर राधाष्टमी की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। लाड़ली मन्दिर रावल के पुजारी राहुल कल्ला ने बताया कि राधाष्टमी पर 23 सितंबर को तड़के पांच बजे पंचामृत अभिषेक मुख्य विगृह का होगा। इस अभिषेक में भक्तों को शामिल करने के लिए उनके द्वारा लाए गए दूध दही को भी अभिषेक में शामिल कर दिया जाता है। ब्रज के महान संत गुरूशरणानन्द महराज एवं मदन मोहन मन्दिर गोकुल के महंन्त पंकज महराज द्वारा विगृह का विशेष अभिशेष किया जाएगा। मंदिर का बधाई कार्यक्रम दूसरा आकर्षण है। मंदिर के सामने इस दिन मेला लग जाता है।
वृन्दावन के बांकेबिहारी मन्दिर में इस दिन विशेष सेवा के साथ ही मन्दिर के अन्दर दर्शन बन्द होने के बाद वर्ष में एक बार रासलीला होती है। मन्दिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि इस दिन शाम को मन्दिर से ठाकुर के चल विगृह को रथ में विराजमान कर पूरे वृन्दावन में शोभायात्रा निकलती है। शोभायात्रा का समापन निधिवन में होता है जहां पर मन्दिर में हुई आधी रासलीला का समापन होता है।
राधा बल्लभ मन्दिर में इस दिन विगृह का पीले रंग का विशेष श्रंगार होता है तथा भक्तों के दधिकाना में उन पर हल्दी, पानी और दही मिश्रित मिश्रण डाला जाता है। मन्दिर के सेवायत आचार्य मोहित मराल गोस्वामी ने बताया कि इसके साथ ही धार्मिक एवं उदारमना लोगों द्वारा मन्दिर के छज्जे से खिलौने, कपड़े, बर्तन, वस्त्र, बर्तन आदि लुटाए जाते हैं जिन्हे श्रद्धालु लूटते हैं तथा कम से कम एक चीज को पाने की इसलिए कोशिश करते हैं कि वे इसे ठाकुर का आशीर्वाद मानते हैं।
मन्दिर का इस दिन का दूसरा आकर्षण राजभोग दर्शन के बाद गोस्वामियों का दधिकाना होता है जिसमें 15 मिनट से अधिक समय तक गोस्वामी समाज ’’राधाप्यारी ने जनम लियों है कुंवर किशोरी ने जनम लियो है’’ गाते हुए बिजली की फुर्ती की तरह गोलाई में उछल उछलकर नृत्य करता हैं तथा मन्दिर का सेवायत आचार्य व उनके साथी उन पर हल्दी मिश्रित दही बाल्टियों से डालते हैं।
उन्होंने बताया कि शाम को मन्दिर से ठाकुर की शोभायात्रा निकलती है जो वृन्दावन के मुख्य मार्गों से होकर रासमण्डल पर समाप्त होती हैजहां पर महारास होता है। उन्होंने बताया कि राधाष्टमी गोवर्धन, वृन्दावन, महाबन, मथुरा आदि के मन्दिरों में भी धूमधाम से मनाई जाती हैै।