नई दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि चुनावी बांड को भारतीय रिजर्व बैंक से विचार विमर्श के बाद लाया जाएगा। जेटली ने आम बजट के बाद रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल से शिष्टाचार बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बोर्ड के एक सदस्य ने इस पर सरकार का विचार जानना चाहा। इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और रिजर्व बैंक गर्वनर उर्जित पटेल भी मौजूद थे। वित्त मंत्री ने 2017-18 के बजट में चुनावी बांड का प्रस्ताव किया है।
जेटली ने कहा कि चुनावी बांड को अंतिम रूप देने के पहले रिजर्व बैंक से विचार विमर्श किया जायेगा। बैंक की शाखाओं को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियों पर रिजर्व बैंक गवर्नर ने वित्त मंत्री के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि इसकी मुख्य वजह 2011 से पहले बड़ी योजनाओं को दिया गया कर्ज है।
पटेल ने नोटबंदी से कुल कितनी रकम जमा हुई है के सवाल पर कहा कि इसका सही आंकलन समूचे आंकड़े आने के बाद ही किया जा सकता है। बैंकों के ब्याज दर कम करने के संबंध में पटेल ने कहा कि इसमें गुंजाइश है। बैंकों ने आवास रिण की ब्याज दर कम की है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में रिण का उठाव कम है, बैंकों को उन क्षेत्रों में कर्ज की मांग बढ़ाने के लिये ब्याज दरों को घटाने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कम लागत वाली जमा और रेपो दर में कमी के मद्देनजर बैंक इस पर गौर करने की स्थिति में हैं।