रियो डि जिनेरियो , रियो ओलंपिक में भारत का पदकों का इंतजार खत्म हुआ। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने 58 किग्रा वर्ग में रेपेचेज के कांस्य पदक के मुकाबले में किर्गिस्तान की ऐसुलू ताइनीबेकोवा को हराकर कांस्य पदक जीत लिया। साक्षी ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की चौथी महिला खिलाड़ी और पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई।
23 साल की साक्षी मलिक ने कांस्य पदक के मुकाबले में खराब शुरूआत से उबरते हुए ताइनीबेकोवा को 8-5 से शिकस्त देकर भारत के लिए कांस्य पदक जीता।साक्षी को क्वार्टर फाइनल में रूस की वालेरिया कोबलोवा के खिलाफ 2-9 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था लेकिन रूस की खिलाड़ी के फाइनल में जगह बनाने के बाद उन्हें रेपेचेज राउंड में खेलने का मौका मिला।
दूसरे दौर के रेपेचेज मुकाबले में साक्षी का सामना मंगोलिया की ओरखोन पुरेवदोर्ज से हुआ जिन्होंने जर्मनी की लुईसा हेल्गा गेर्डा नीमेश को 7-0 से हराकर भारतीय पहलवान से भिड़ने का हक पाया था। साक्षी ने हालांकि ओरखोन को एकतरफा मुकाबले में 12-3 से हराकर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई। कांस्य पदक के मुकाबले में साक्षी की भिड़ंत किर्गिस्तान की ऐसुलू ताइनीबेकोवा से थी। ताइनीबेकोवा के खिलाफ साक्षी की शुरुआत बेहद खराब रही और वह पहले राउंड के बाद 0-5 से पिछड़ रही थी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे राउंड में जोरदार वापसी करते हुए आठ अंक जुटाए और भारत को रियो ओलंपिक खेलों का पहला पदक दिला दिया।
23 साल की साक्षी ने इस जीत को हासिल करने में 12 साल मेहनत की है। साक्षी ने आखिर के 6 मिनट में जीत की नई कहानी लिख दी. जिस गेम को देखकर यह कह पाना मुश्किल था कि वो उसे जीत सकेंगी, उसे आखिरी पलों में बदलकर रख दिया.