रेस्तरां और महंगे होटल के किचन की शान बन रहा है ‘सत्तू’

देवरिया, कभी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के पेट की आग बुझाने वाला सत्तू आज महंगे रेस्तरां और होटलों के किचन की शान बन चुका है।

चाइनीज,मुगलई खाने के दीवाने अब सत्तू पर भी प्यार लुटाने लगे हैं। इसका कारण सत्तू में मौजूद विटामिंस,फाइबर, मिनरल और अन्य पोषक तत्व हैं जो स्वाद के साथ साथ सेहत भी स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं।

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दशकों से विशेषकर गर्मी के मौसम में सत्तू से निर्मित व्यजंनों की बहार आती रही है। कुछ लोग इसका बीड़ा बनाकर खाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग इसका शरबत बनाकर पीना पसंद करते हैं। यह न सिर्फ लंबे समय तक भूख मिटाता है बल्कि पेट को शीतलता भी प्रदान करता है। चिकित्सक भी मानते हैं कि गर्मियों में सत्तू का इस्तेमाल कर लू और गर्मी के प्रकोप से बचा जा सकता है।

एक जमाने में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के मेहनतकश लोग सत्तू का नाश्ता कर काम पर निकल जाते थे। यही नहीं दोपहर के भोजन में भी वो सत्तू का सेवन करते थे। इसे खाने से शरीर को बहुत ऊर्जा मिलती है। सत्तू का सेवन डायबिटीज तथा बीपी के मरीजों के लिए राम बाड़ मानी जाती है। यह पाचन क्रिया को भी दुरूस्त करने का काम करता है।

पोषक तत्वों की खान सत्तू पेट तो भरता ही है,साथ-साथ जेब पर भी भारी नहीं पड़ता और इसको आसानी से कहीं भी लेकर जा सकते हैं। इसे पकाने की भी ज़रूरत नहीं है। इसे तुरंत तैयार कर खा सकते हैं। बिहार का टानिक कहा जाने वाला सत्तू पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी काफी लोकप्रिय है। गर्मी के मौसम में यह विशेष रूप से पसंद किया जाता है। क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखता है और लू से बचाता है। सत्तू को एक टॉनिक माना जाता है क्योंकि यह प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

सत्तू के महत्व का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि गर्मी के दिनों में अब रेस्तरां और होटलों में भी सत्तू से निर्मित पेय और खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ने लगी है। अमीर वर्ग भी इसका सेवन बड़े चाव से कर रहा है। इस गर्मी के मौसम में देवरिया के कचहरी परिसर तथा आसपास में लगभग दर्जनों सत्तू की दुकानें लगी हैं। जहाँ हर लोग सत्तू का सेवन कर रहे हैं।

आयुर्वेद चिकित्सक डा. अमरजीत मणि ने बताया कि सत्त गर्मी के मौसम में लू से बचने में मदद करता है और शरीर को ठंडा रखता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो इसे एक संपूर्ण भोजन बनाते हैं। उन्होंने बताया कि सत्तू पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद होता है और एसिडिटी या गैस की समस्या को दूर करता है।

उन्होंने बताया कि सत्तू आसानी से उपलब्ध है और इसे घर पर भी बनाया जा सकता है। सत्तू शरबत या सत्तू पानी पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक लोकप्रिय पेय है, जिसे लोग गर्मी के मौसम में बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि सत्तू को पूर्वी उत्तर प्रदेश में लू से बचाव, पोषण और पाचन के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है, इसलिए यह वहां के लोगों की खास पसंद बना हुआ है।

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