अखरोट केवल साधारण खाद्य नहीं है बल्कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय दृष्टि से इसे असाधारण भी कहा जा सकता है। अखरोट समूल ही बहुपयोगी है। यदि अखरोट की जड़ें या अंकुर चबाएं तो मृत्यु तक दांत टस से मस नहीं होते। अखरोट की रसीली पत्तियों का रस बहुत स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। आयुर्वेद में अखरोट की पत्तियों का कई तरह से उपयोग किया जाता है। इसकी रसीली पत्तियों को 2 से 3 घंटे तक पानी में उबाल कर जो द्रव निकाला जाता है उसका प्रयोग कहीं चाय के रूप में किया जाता है तो कहीं रूधिर-वाहिकाओं के फैलाव की दवा के रूप में या हाजमा सुधारने के लिये किया जाता है। आंखें आ जाएं तो इसके रसीले पत्तों के द्रव से धोने पर शत-प्रतिशत लाभ पहुंचता है। इससे कुल्ला किया जाए तो मसूड़ों के घाव भर जाते हैं तथा दांत अपनी जगह मजबूत हो जाते हैं।
अखरोट की पत्तियों का यह रस गाढ़ा हो तो इसका उपयोग एक्जिमा की दवा के रूप में किया जाता है। गठिया तथा आमवात अगर प्रभावी होने लगे तो इस द्रव से नहाना बहुत लाभदायक होता है। धार्मिक अनुष्ठानों में या व्रताहार के रूप में अखरोट बहुत उपयोगी है। व्यंजनों में भी अखरोट की गिरी महत्वपूर्ण समझी जाती है। अखरोट की गिरी का मसालेदार सूप भी बनाया जाता है तथा इसकी कच्ची गिरी का जैम भी बनाया जाता है। बर्फीले प्रांत के रहने वालों के खाद्य या व्यंजनों में अखरोट की बहुत उपयोगिता है। रूस, मंगोलिया या काकेशर और अंटार्कटिक क्षेत्रों में वहां के सैनिक आज भी जब अपनी मुहिमों पर निकलते हैं तो अखरोट की गिरी से बनी मिठाई अपने साथ लेकर चलते हैं जो आटे के संग अंगूर का रस उबाल कर तथा उसमें गिरी डाल कर बनाई जाती है।
अखरोट की गिरी का तेल निकालने के बाद जो भाग बचता है वह बेकार नहीं जाता। उसका एक हिस्सा पशुओं के चारे और चूजों के दानों में मिलाया जाता है जो स्वादिष्ट तो होता ही है, साथ में स्वास्थयवर्धक भी होता है। हलवे में यदि अखरोट की गिरी का रस मिलाया जाए तो यह स्वादिष्ट तो होगा ही, साथ ही बहुत पौष्टिक भी। अखरोट की पौष्टिक तथा स्वास्थ्यवर्धक गिरी बच्चे, बूढ़ों, डायबिटिज के रोगियों या जिन को दिल का दौरा पड़ चुका हो, अधेड़ उम्र वालों को या दूध पिलाने वाली माताओं आदि के लिये बहुत गुणकारी मानी गयी है। बहरहाल अगर दो, तीन अखरोट रोज खायें तो काफी लाभदायक होते हैं। बहुत भीषण गर्मी में अखरोट नहीं खाना चाहिये। जाड़ों में शहद के साथ यदि अखरोट खाया जाए तो स्वास्थ्यवर्धक रहता है। अखरोट की गिरी में कैलोरी बहुत अधिक होती है जो शरीर के लिये बहुत जरूरी होती है। इसमें वे सब विटामिन होते हैं जिनकी जरूरत शरीर को होती है।