नयी दिल्ली, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस यदि लोकसभा में मंज़ूर नहीं हुआ तो उनकी पार्टी इसे राज्यसभा में लायेगी।कांग्रेस और माकपा ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में संसद में गलत बयानी करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। यह पूछे जाने पर कि राज्यसभा में आपकी पार्टी ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस क्यों नहीं दिया ,श्री येचुरी ने पत्रकारों से कहा कि श्रीमती ईरानी ने लोकसभा में जो बातें कहीं थी उन्हे वह राज्यसभा में गुरूवार को चर्चा का जवाब देते हुए अपना भाषण पूरा नहीं कर पाने के कारण नहीं कह पायी थी और इसी बीच दुर्गा और महिषासुर के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी थी इसलिए राज्यसभा में हमने अभी विशेषाधिकार हनन का मुद्दा नहीं उठाया है ।
उन्होंने कहा कि हो सकता है लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन इस आधार पर श्रीमती इरानी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस न मंज़ूर करें क्योंकि वह राज्यसभा की सदस्य हैं।
श्री येचुरी ने कहा कि श्रीमती ईरानी राज्यसभा की सदस्य है और उन्होंने एक मंत्री के रूप में लोकसभा में गलत बयानी की है इसलिए संसद के किसी भी सदन में गलत बयानी के कारण उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा सकता है और अगर लोकसभा में उनके खिलाफ नोटिस मंजूर नहीं होता है तो तब हम राज्यसभा में उनके खिलाफ प्रस्ताव लायेंगे।
तेलंगाना में उनके समेत नौ लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बारे में पूछे जाने पर श्री येचुरी ने सरकार पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि लोकमान्य तिलक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भगत सिंह के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किये गए थे ,मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि सरकार ने मेरे खिलाफ भी देशद्रोह का मुकदमा दायर कर उन महापुरुषों की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया है।
इस बीच माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर सभी नौ लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने की मांग की है और कहा है कि सरकार इस तरह की कार्रवाई कर विपक्ष की आवाज़ को दबा रही है क्योंकि हमलोगों ने रोहित और कन्हैया का समर्थन किया है।