नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में हासिल करने पर बल देते हुए आज कहा कि देश अब प्रतीक्षा करने के लिए तैयार नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही के पहले दिन मंगलवार को सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य हासिल करने होंगे क्योंकि देश अब प्रतीक्षा करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई सोच और शैली के साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है और इसके लिए कार्य के दायरे और विचार प्रक्रिया का विस्तार करना होगा।
उन्होंने कहा , “ नई संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक भी है। अमृत काल की सुबह में यह नई इमारत 140 करोड़ भारतीयों में एक नई ऊर्जा का समावेश करेगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान सदन में हमने आजादी के 75 साल का उत्सव मनाया। वर्ष 2047 में जब नए भवन में आजादी की सदी मनाई जाएगी तो यह उत्सव विकसित भारत में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा ,“पुराने संसद भवन में हम विश्व की अर्थव्यवस्था के मामले में 5वें स्थान पर पहुंच गए थे। मुझे विश्वास है कि नई संसद में हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे।”
लोकसभा में पेश नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम जीवन की सहजता की बात करते हैं तो उस सहजता पर पहला हक महिलाओं का है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “महिलाओं की क्षमता को अवसर मिलना चाहिए। उनके जीवन में ‘किंतु-परंतु’ का समय समाप्त हो गया है।” उन्होंने कहा कि विधेयक पहली बार 1996 में पेश किया गया था और अटल जी के कार्यकाल के दौरान इस पर कई विचार-विमर्श और चर्चाएं हुईं, लेकिन संख्या की कमी के कारण विधेयक को मंजूरी नहीं मिल सकी। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विधेयक अंततः कानून बन जाएगा और नए भवन की नई ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण की दिशा में ‘नारी शक्ति’ सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री ने सदस्यों से सर्वसम्मति से विधेयक का समर्थन करने की अपील की जिससे कि इसकी शक्ति और पहुंच पूरी तरह से बढ़ सके।