नयी दिल्ली, लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल मानसून सत्र बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी बाधित रहा और कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
श्री बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ किया तो कांग्रेस तथा अन्य कई विपक्षी दलों के सदस्य महंगाई को रोकने के लिए कदम उठाने तथा दो दिन पहले आवश्यक वस्तुओं पर पांच प्रतिशत बढ़ाए जीएसटी को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए।
अध्यक्ष ने हंगामे के बीच प्रश्नकाल जारी रखने का प्रयास किया और संबंधित विभाग के मंत्री से सदस्यों के सवालों का जवाब देने के लिए कहा। कुछ देर तक हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलता रहा लेकिन जब हंगामा नहीं थमा और बढ़ता ही गया तो श्री बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
उन्होंने सदस्यों से कहा कि वह प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद उनको अपनी बात रखने का मौका दें। उनका कहना था कि सदस्यों को सदन की कार्यवाही गरिमा पूर्वक चलाने में सहयोग करना चाहिए। सदन में चर्चा होनी चाहिए और सदस्यों को अपनी सहमति और असहमति सदन में व्यक्त करने का अधिकार है। वह चर्चा के दौरान अपनी सहमति और असहमति विभिन्न मुद्दों पर दे सकते हैं।
उन्होंने सदस्यों से कड़े लहजे में कहा कि जनता ने उन्हें सदन में नारेबाजी करने और तख्तियां लेकर हंगामा करने के लिए नहीं भेजा है इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलाने में सहयोग देना चाहिए। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि सदन चलाना है कि नहीं ।कांग्रेस तथा हंगामा करने वाले दूसरे दलों के सदस्यों को को यह स्पष्ट कर देना चाहिए अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बाद जब सदस्यों ने उनकी कोई बात नहीं सुनी तो सदन की कार्यवाही 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।