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लोढ़ा पैनल की सिफारिशों पर रिव्यू याचिका खारिज

supreme-courtनई दिल्ली,  बीसीसीआई में सुधारों के संबंध में जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दायर की गई बोर्ड की पुनर्विचार याचिका  को खारिज हो गई। गौरतलब है कि 18 जुलाई को शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई को जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने का फैसला सुनाया था जिस पर बीसीसीआई ने 16 अगस्त को पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चैंबर में फैसला किया है। यह फैसला सीजेआई टीएस ठाकुर और जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने दिया। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर फिर से विचार करे और इसके लिए पांच जजों की बेंच बनाई जाए। याचिका में यह भी मांग की थी कि बेंच में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर न हों।

याचिका के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का फैसला कई मायनों में सही नहीं है। जस्टिस लोढ़ा पैनल न तो खेल के विशेषज्ञ हैं और न ही उनकी सिफारिशें सही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पैनल का गठन कर एक तरह से अपने फैसले की आउटसोर्सिंग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि बीसीसीआई के लिए संसद में कोई कानून नहीं बनाया जा सकता। चीफ जस्टिस ने इस मामले में अपना मन बना रखा है और वे बिना सुनवाई इस याचिका को खारिज कर सकते हैं। याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में करने की भी मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई के फैसले के मुताबिक, बीसीसीआई को लोढ़ा पैनल की सिफारिशें 6 महीने में लागू करनी हैं। फैसले के मुताबिक अब बोर्ड में न तो मंत्री और न ही अधिकारी शामिल हो पाएंगे। बीसीसीआई में अब एक व्यक्ति-एक पद का नियम लागू होगा। बीसीसीआई में अधिकारियों की अधिकतम उम्र सीमा 70 साल होगी।

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