चेन्नई/हैदराबाद/नई दिल्ली, तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान वरदा ने भीषण तबाही मचाई है जिससे अबतक 10 लोगों की मौत हो गई है। राज्य में जनजीवन अस्तव्यस्त है। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं ताकि जिंदगी को पटरी पर लाया जा सके। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने घोषणा की है कि प्रत्येक मृतक के परिवार को राज्य आपदा राहत कोष 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। भारी बारिश और 100 किलोमीटर की रफ्तार वाली हवा के साथ चक्रवात वरदा सोमवार को चेन्नई तट से टकराया था।
बारिश और तूफान से सड़कों के आस-पास लगे पेड़ उखड़ गए। कई गाड़ियां पेड़ों के नीचे दब गई। सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हो गया। बिजली के खम्भे और मोबाइल टॉवर्स तथा ट्रैफिक सिग्नल्स के पोल गिरने से काफी नुकसान हुआ है। विद्युत आपूर्ति और संचार सेवा छिन्न-भिन्न हो गई है। चक्रवाती तूफान वरदा से प्रभावित तटीय इलाकों से 10 हजार से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तूफान से मकानों, संचार सुविधाओं, रेल लाइनों, सड़क और उड़ानों पर असर पड़ा है। तमिलनाडु, तिरुवल्लुर और कांचीपुरम में ज्यादा असर है।
एनडीआरएफ ने कहा है कि हम स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। सामान्य जनजीवन बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं। तूफान के चलते सोमवार को चेन्नई एयरपोर्ट पर रोकी गई सेवाएं मंगलवार को बहाल हो गईं। लेकिन चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लुर में सरकारी, प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, और शिक्षण मंगलवार को बंद रखे गए हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने बताया कि तूफान से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों को ठीक करने और बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं। इस काम के लिए 4000 कर्मचारियों को लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी बड़ी संख्या में पेड़ों को क्षति हुई है, उस हरियाली को लौटने में कई साल लग जाएंगे। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में वरदा तूफान से हुई तबाही के बाद अस्थाई रूप से रोकी गई तिरुपति एयरपोर्ट की सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में तबाही मचाने के बाद तूफान वरदा कमजोर पड़ गया है। चक्रवात तमिलनाडु से पश्चिम-दक्षिण की ओर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण कर्नाटक में अगले 12 घंटे में बारिश हो सकती है।