नई दिल्ल, 2016 में ऑनलाइन मार्कीट प्लेस स्नैपडील को दोगुना घाटा हुआ है। एक बिजनेस रिसर्च प्लेफॉर्म टॉफ्लर के एक सूत्र के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में कंपनी को 2,960 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है साथ ही कंपनी को 1,319 करोड़ का कुल रेवेन्यू मिला। उल्लेखनीय है कि स्नैपडील के साथ ही फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी कंपनियों को भी काफी नुकसान हुआ है। स्नैपडील को भारत में प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे अमेजॉन और फ्लिपकार्ट का मुख्य प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा था। 2016 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में फ्लिपकार्ट इंटरनेट को 2,306 करोड़ का नुकसान हुआ वहीं अमेजॉन को 3,572 का घाटा उठाना पड़ा। हालांकि, इन दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों का रेवेन्यू स्नैपडील के मुकाबले काफी ज्यादा रहा और इन्हें क्रमशः 1,952 और 2,275 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ। बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तीनों दिग्गज कंपनियों के बीच जमकर मुकाबला चल रहा है, जिसके चलते इन्हें कर्मचारियों, मार्केटिंग और ऐडवर्टाइजिंग पर भारी खर्च करना पड़ रहा है। इधर, कुछ समय के अंतराल पर ही भारी छूट वाली सेल लाने के दबाव ने तीनों कंपनियों को घाटा दिलाया है। हालांकि, इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक इन कंपनियों के पास सेल के दौरान भारी छूट देने के लिए काफी पैसा है। 2016 में स्नैपडील ने विज्ञापन और प्रचार-प्रसार में 469 करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं 2015 में कंपनी ने विज्ञापन में 426 करोड़ रुपए खर्च किए थे। बता दें कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की सेल के मुकाबले स्नैपडील की सेल को बहुत कम लाभ हुआ। नवंबर 2016 में सॉफ्टबैंक ने तकरीबन 5500 लाख डॉलर का निवेश भारत में किया था, जिसमें से ज्यादातर स्नैपडील और ओला में था। इस कंपनी को 2010 में दो दोस्तों बहल और बंसल ने डील साइट के तौर पर शुरू किया था। आज यह कंपनी भारत के 5000 शहरों और कस्बों में सामान पहुंचाती है।