विधानसभा चुनाव: यूपी और मणिपुर में अंतिम चरण के लिए थमा प्रचार
March 7, 2017
नई दिल्ली, यूपी और मणिपुर विधानसभा के अंतिम चरण के चुनाव के लिए प्रचार का शोर समाप्त हो गया। यूपी में सातवें व अंतिम चरण में 40 सीटों व मणिपुर में दूसरे व अंतिम दौर में 22 सीटों के लिए 8 मार्च को मतदान होगा। यूपी में सातवें व अंतिम चरण में जिन 7 जिलों की 40 सीटों पर वोटिंग होनी है उनके नाम वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र है। इन सीटों पर प्रचार का सबसे महत्वपूर्ण स्थल वाराणसी बन गया जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। वाराणसी की 8 विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी, एसपी-कांग्रेस गठबंधन व बीएसपी ने प्रचार के लिए अपनी ताकत झोंक दी। पीएम मोदी ने अपनी पार्टी की अगुवाई करने के लिए तीन दिनों तक अपने संसदीय क्षेत्र में डेरा जमाये रखा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई मन्दिरों के दर्शन किए, कई रोड शो में हिस्सा लिया, विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत की तथा क्षेत्र में कई चुनावी रैलियों को संबोधित कर मतदाताओं से सम्पर्क साधने का प्रयास किया। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि वाराणसी में सबसे ज्यादा ध्यान इसलिए दिया गया क्योंकि अंतिम चरण की 40 सीटों का केंद्र काशी ही है। अंतिम चरण में कुल 535 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सर्वाधिक 24 उम्मीदवार वाराणसी कैंट और सबसे कम छह प्रत्याशी जौनपुर की केराकत सीट पर है। आखिरी चरण में जिन 40 सीटों पर मतदान होना है, पिछले विधानसभा क्षेत्र में उनमें से 23 पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया था। बीएसपी ने 5, बीजेपी ने 4 और कांग्रेस ने 3 सीटें जीती थीं। वहीं अपना दल और कौमी एकता दल की झोली में एक-एक सीट आई थी व तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थी।
उधर मणिपुर विधानसभा के लिए दूसरे एवं अंतिम दौर में पांच जिलों में फैली 22 सीटों के लिए मतदान होगा। इस चरण में जिन प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला होना है उनमें मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, उप मुख्यमंत्री गाइखानगाम और चर्चित मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं राजनीति में सक्रिय इरोम चानू शर्मिला शामिल हैं। सूबे से अफस्पा हटाने के लिए 16 वर्षो तक अनशन करने वाली शर्मिला पहली बार चुनाव मैदान में हैं। वह थाउबल विधानसभा क्षेत्र से इबोबी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। चार मार्च को हुए पहले चरण में 38 सीटों पर करीब 84 फीसद मतदान हुआ था। मतगणना 11 मार्च को होनी है। हालांकि इस बार का चुनाव 15 वर्षो से सत्ता पर काबिज कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है।