लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने गुरुवार को यहां विधि स्नातक विधायकों के संवाद में कहा है कि विधायक जितना अधिक समय सदन को देंगे उसका उतना ही लाभ उन्हें मिलेगा।
सतीश महाना ने आज यहां कहा कि किसी भी बात पर दूसरे पर आरोप लगाने के पहले उस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समाज ने जिम्मेदारी दी है तो हमें भी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि विधायक किसी भी पार्टी का हो पर वो हमारा विधायक है। यदि किसी भी विधायक का अपमान होता है तो वह विधानसभा का अपमान है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब विधायिका का काम बेहतर होगा तो सब कुछ ठीक होगा। यह सब हम सबको मिलकर करना होगा। विधायिका की प्रतिष्ठा से हम सब लोग जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि सदन में अच्छी बहस होनी चाहिए। बहस के दौरान विधायक अपनी मेधा का प्रदर्शन करे जिससे उसका लाभ समाज को मिल सके। उन्होंने कहा हालांकि सभी विधायकों के अपने एजेंडे हैं पर अपनी बात को हम कितने अच्छे ढंग से कह सके। इसका प्रयास किया जाना चाहिए। सतीश महाना ने कहा कि उप्र विधानसभा के सदस्यों के प्रति अब सकारात्मक भाव पैदा हो रहा है।
इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधायकों को अध्ययन कार्य में अधिक रुचि दिखानी चाहिए। यदि सदन में तैयारी करके आयेंगे तो कार्यपालिका हम पर दबाव नही बना पाएगी। जिस उम्मीद से जनता ने आपको विधानसभा भेजा है उस कसौटी पर खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आप जिस क्षेत्र से चुनाव लड़ कर आते हैं उस क्षेत्र की जनता आपको 4-5 लाख वोट देकर इस सम्मानित सदन में भेजती हैं तो उनकी भी अपेक्षाएं होती हैं कि हमारा चुना हुआ नेता सेवा भाव न्याय प्रिय और सुख दुःख में शामिल होने वाला होगा।
उन्होंने कहा जब हम उनकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरते हैं तो धीरे-धीरे उसके मन में हमारे प्रति नकारात्मक छवि बनने लगती है। यह एक दिन में नहीं होता है इसलिए हमे विधानसभा में वैसे ही अपने कार्य व्यवहार को बनाना होगा। जब हम प्राप्त शासनादेश में एवं तमाम लिटरेचर अध्ययन कर जानकारी रखते हैं तो कोई भी अधिकारी आसानी से बरगला नहीं सकता। उन्होंने जनसेवा पर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम जनसेवा के लिए चुने गए हैं तो हमें उसकी ही बात करनी चाहिए किसी भी धर्म में यह नहीं लिखा है ।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि हम सबको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विधायिका की बेहतरी के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कार्यपालिका ने विधायिका को जकड़ रखा है, लेकिन अगर हम अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे तो जनता की बेहतरी के लिए और काम कर सकते हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के संवाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनके इस प्रयास से जरूर एक दिन बदलाव आएगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य शाहिद मंजूर अपने अनुभवों को साझा करते हुए पूर्व और वर्तमान विधायकों की दशा पर कहा कि इसके लिए हम सभी कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं। हमें हमेशा विधायिका की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।
श्रीमती अनुपमा जयसवाल ने कहा कि विधायिका जब कानून बनाने की बात करती है तो उसे विचारों की जरूरत पड़ती है। यह सुखद संयोग है कि इस बार कई सदस्य विधि की डिग्री लेकर आये हैं उन्होंने कहा कि विधान सभा में एक ऐसे सेल का गठन होना चाहिए जहां उनके विचारों को शामिल किया जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष महाना ने बैठक की समापन पर आये हुए सभी विधायकों को सार्थक सहयोग एवं प्रयोग का आश्वासन देते हुए सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की बात कही।
इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने आयोजित कार्यक्रम में आए सभी लाॅ-ग्रेजुएट विधायक एवं बैठक में शामिल मंत्री गणों काे धन्यवाद दिया।