नेपाल मे सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिये संघर्षशील नेता विश्वेन्द्र पासवान अब मंत्री बन गयें है। विश्वेन्द्र पासवान को नेपाल सरकार के मंत्रिमंडल मे कैबिनेट मंत्री के रुप मे शामिल किया गया है। नेपाल के इतिहास मे पहली बार किसी दलित को मंत्री बनाया गया है। हाल ही मे विश्वेन्द्र पासवान ने नेपाल मे संविधान निर्माण के समय संविधान में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को वादें के बावजूद आरक्षण का प्राविधान न किये जाने पर संविधान की डाफट कापी सदन मे ही फाड़ दी थी और सदन मे ही धरने पर बैठ गये थे। सुनवाई न होने पर नेपाल के संविधान मे आरक्षण की मांग को लेकर पासवान ने अंादोलन शुरु किया। आंदोलन के समर्थन मे विश्वेन्द्र पासवान ने यूपी और बिहार का दौरा किया। लखनउ मे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी विश्वेन्द्र पासवान के मिलने पर उन्हें सहयोग और आंदोलन को समर्थन दिया था। नेपाल सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत विश्वेन्द्र पासवान ने दिल्ली मे भी विशाल धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र सौंपा था। विश्वेन्द्र पासवान को नेपाल सरकार मे कैबिनेट मंत्री बनाये जाने पर नेपाल सहित भारत के वंचित वर्ग के लोगों और संगठनों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।