यूजीन, टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिये पहला ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा गुरुवार (भारत में शुक्रवार सुबह) को विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भारत का सूखा समाप्त करना चाहेंगे।
भारत ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एकलौता पदक 2003 में जीता था, जब अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त किया था। अब शीर्ष जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा 19 साल बाद भारत के पदक की उम्मीद बनकर प्रतियोगिता में उतरेंगे।
नीरज अपने स्वर्णिम करियर में ओलंपिक, एशियाई खेल, अंडर-20 विश्व, राष्ट्रमंडल खेल और डायमंड लीग में पदक जीत चुके हैं। विश्व चैंपियनशिप एकलौता महत्वपूर्ण आयोजन है जहां उन्होंने अब तक पदक नहीं जीता।
इस बार उनसे यह उपलब्धि भी हासिल करने की उम्मीद की जा रही है। पिछले महीने अपना 2022 सत्र शुरू करने वाले नीरज तीन प्रतियोगिताओं में दो बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। उन्होंने इस सत्र की शुरुआत फिनलैंड के पावो नुर्मी खेलों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीतकर की थी। इसके बाद उन्होंने कुओरटाने खेलों में स्वर्ण जीता, जबकि स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए 89.94 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
दो क्वालीफाइंग समूहों में कुल 32 भाला फेंक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। 12 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शनिवार के फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगे। फाइनल के लिए स्वत: योग्यता अंक 83.50 मीटर है और चोपड़ा बिना किसी झंझट के इसे हासिल करने की कोशिश करेंगे।
नीरज का सामना ग्रेनाडा के मौजूदा चैंपियन एंडरसन पीटर्स से होगा, जिन्होंने इस साल तीन बार 90 मीटर का आंकड़ा पार किया है।
फ़िनलैंड के ओलिवर हेलैंडर, टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज (चेक गणराज्य), जर्मनी के जूलियन वेबर और लंदन ओलंपिक चैंपियन केशोर्न वालकॉट अन्य स्टार थ्रोअर होंगे जो मौजूदा ओलंपिक चैंपियन को कड़ी टक्कर देंगे।
नीरज दूसरी बार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे। लंदन में 2017 संस्करण में, 24 वर्षीय फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे थे। वह कोहनी की सर्जरी के कारण 2019 में हिस्सा नहीं ले पाये थे। नीरज के अलावा एक अन्य भारतीय युवा भाला फेंक खिलाड़ी रोहित यादव भी प्रतियोगिता में भाग लेंगे।