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वीरंगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर जश्न में डूबी झांसी

झांसी, कण कण में महारानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहस और वीरता की कहानी बयां करती झांसी वीरंगना के जन्मदिवस पर जश्न में सराबोर नजर आयी। यहां आयोजित भव्य समारोहों के बीच किले से बड़ी संख्या में महिलाएं वाहनों पर सवार होकर निकली।

देश दुनिया में झांसी को अनूठी पहचान दिलाने वाली अदम्य साहस की मूर्ति महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर शहर भर में दो दिन तक महापर्व जैसा माहौल होता है और रानी की वीरगाथा को जन जन तक पहुंचाने और उनकी जीवटता तथा जुझारू व्यक्तित्व को एक बार फिर याद करते हुए दो दिवसीय कार्यक्रमों का आयोेजन किया जाता है।

इन कार्यक्रमों की शुरूआत आज झांसी के किले से हुई जब महारानी लक्ष्मीबाई की तरह ही समाज और देश के लिए आगे आकर काम करने का संदेश देते हुए हजारों की संख्या में महिलाएं और लड़कियां गरजती हुई वाहनों पर निकलीं । झांसी के ऐतिहासिक किले से शुरू हुई यह बाइक रैली सीपरी बाजारए बीकेडीए पचकुंइया होते हुए लक्ष्मीबाई पार्क में समाप्त हुई।

इसके बाद  प्रयासरूसभी के लिए  संगठन की ओर से झांसी को पहचानो.भारत को जानो ए क्विज और मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विजयी प्रतिभागियों को संगठन की ओर से सम्मानित किया गया। नगर महिला व्यापार मंडल के तत्वाधान में रानी लक्ष्मीबाई पार्क में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता को सीनियर और जूनियर दो वर्गों में कराया गया। जूनियर वर्ग में 12 से 16 वर्ष के बच्चों ने हिस्सा लिया जबकि सीनियर वर्ग में 16 से 25 वर्ष के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। शाम के समय रानी लक्ष्मीबाई पार्क से मशाल जुलूस यात्रा निकाली गयी जो जीवनशाह तिराहाए ईलाइट चौराहा होते हुए वापस पार्क पहुंची । बड़ी संख्या में शहर के आमजन ने इस यात्रा में शामिल होकर रानी को पुष्पांजलि अर्पित की।