पटना, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने राजनीति के गिरते स्तर और पैसे-वोट के गठजोड़ पर चिंता जताते हुए कहा कि बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है। इस पर विवाद होने पर उन्होने स्पष्ट किया कि वोट और बेटी के लिए मोहब्बत एक सी होनी चाहिए। शरद यादव के इस बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनको नोटिस जारी किया है।
शरद यादव ने कहा कि बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव-मोहल्लों की इज्जत जाएगी, वोट एक बार बिक गया तो देश की इज्जत चली जाएगा और सपना पूरा नहीं हो सकता। बैलट पेपर के बारे में बड़े पैमाने पर सब जगह समझाने की जरूरत है कि बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है। पैसे की बदौलत आजकल वोट खरीदा और बेचा जाता है। शरद यादव ने कहा कि आज किसी नेता को सांसद या विधायक बनने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। खासकर दक्षिण भारत में सांसद बनने के लिए 25 से 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं, जबकि विधायक बनने की कीमत 5 से 10 करोड़ रुपए है। यादव ने इस पर चिंता जताई कि पैसे की कमी की वजह से उनकी पार्टी यूपी में चुनाव नहीं लड़ पा रही है। जेडीयू नेता ने कहा कि मैंने लंबे वक्त तक पार्टी को चलाया है, लेकिन ऐसे हालात पहले कभी सामने नहीं आए। संसाधन की कमी की वजह से आज चुनाव लड़ने में दिक्कत आ रही है, वोटों की खरीद-फरोख्त चल रही है।
शरद यादव के बयान पर ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमंस एसोसिएशन की बिहार यूनिट की सेक्रेटरी शशि यादव ने कहा कि जेडीयू लीडर के कमेंट से महिलाओं को लेकर उनके पूर्वाग्रह का पता चलता है। इससे पुरुषों की अंध राष्ट्रभक्ति का भी पता चलता है।
शरद यादव के बयान पर ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमंस एसोसिएशन की बिहार यूनिट की सेक्रेटरी शशि यादव ने कहा कि जेडीयू लीडर के कमेंट से महिलाओं को लेकर उनके पूर्वाग्रह का पता चलता है। इससे पुरुषों की अंध राष्ट्रभक्ति का भी पता चलता है।