गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि किसी भी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में सफाईकर्मी नींव के पत्थर होते हैं और गोरखपुर स्वच्छ और सुंदर महानगर बन गया है जिसका सर्वाधिक श्रेय स्वच्छता के वाहक सफाई कर्मचारियों को ही जाता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दीपावली के उपलक्ष्य में सफाई कर्मचारियों के सम्मान का जो कार्य गोरखपुर नगर निगम कर रहा है उससे प्रदेश के अन्य निकायों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आज शाम राप्ती नगर के अंबेडकर पार्क में नगर निगम की तरफ से आयोजित सफाई मित्र सुरक्षा सम्मेलन और सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में सफाई मित्रों को मुख्यमंत्री ने प्रमाण पत्र और मिठाई का उपहार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सभी लोगों को दीपोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए यह अत्यंत प्रसन्नता का क्षण है कि दीपावली के मुख्य पर्व से गोरखपुर महानगर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में सर्वाधिक भूमिका निभाने वाले सफाईकर्मियों को सम्मानित करने का अवसर मिला है। आज पूरा गोरखपुर इन सफाईकर्मियों के योगदान से स्वच्छ और सुंदर नजर आता है। पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता था, जल जमाव से बच्चे और बुजुर्ग अनेक बीमारियों की चपेट में आते थे। गंदगी के अंबार से महानगर की छवि पर बुरा असर पड़ता था। गंदगी और जल जमाव की समस्या से निजात पाने से गोरखपुर स्वच्छ तो बना ही और बीमारियां भी खत्म हो गईं। अब गोरखपुर की पहचान गंदगी से नहीं बल्कि साफ सुथरे वातावरण और चौड़ी सड़कों से है। जो यहां आता है यहां का वातावरण और विकास देखकर अभिभूत हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मनुष्य होने के नाते संवेदना और सम्मान का जो अधिकार सफाईकर्मियों को मिलना चाहिए था वह उसे नहीं मिल पाया था। आज स्थितियां बदली हैं तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया जाना चाहिए। श्री मोदी ने 02 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता के लिए देश की आत्मा को झकझोरने का काम करते हुए स्वच्छ भारत मिशन का अभियान शुरू किया। व्यक्तिगत और सार्वजनिक साफ सफाई के कार्यक्रम को प्रोत्साहित करते हुए इसे एक राष्ट्रीय कार्यक्रम बना दिया। यह सुनिश्चित किया कि खुले में शौच की प्रथा बंद हो। इसके लिए 10 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए। इसके अलावा ग्राम पंचायतों व अन्य स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय बनाए गए। इसका परिणाम यह हुआ कि नारी गरिमा की रक्षा भी हुई और स्वच्छ वातावरण का लाभ समाज के हर तबके को प्राप्तहो रहा है। व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता के प्रति परिवर्तन लाने में स्वच्छ भारत मिशन मील का पत्थर बना।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गंदगी भौतिक हो या अन्य रूप में, उसे वातावरण में स्थान नहीं बनाने देना है। उन्होंने कहा कि आज गोरखपुर की पहचान विकास, स्वच्छता और सुंदरता से बनी है। कुछ वर्ष पूर्व तक बारिश में यह शहर जल प्लावित हो जाता था जबकि आज रातभर बारिश होने के बाद भी सुबह कहीं जलजमाव नहीं दिखता है यह बदलवा बताता है कि गोरखपुर का विकास हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोड़धोईया नाला प्रोजेक्ट के पूरा होने पर शहर के उत्तर क्षेत्र में जलभराव का सवाल ही नहीं पैदा होगा।
समारोह में मुख्यमंत्री ने नगर निगम के ‘स्वच्छता ही सेवा’ बुकलेट का विमोचन किया। साथ ही प्रदेश के पहले आईएसओ प्रमाणित नगर निगम के रूप में गोरखपुर नगर निगम को गुणवत्तापूर्ण अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्राप्त प्रमाण पत्र महापौर को हस्तांतरित किया।
समारोह को सांसद रविकिशन शुक्ल और महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, पूर्व महापौर सीताराम जायसवाल, अंजू चौधरी, सत्या पांडेय, नगर निगम कार्यकारिणी के उपसभापति धर्मदेव चौहान,राप्ती नगर की पार्षद पूनम सिंह, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल समेत कई वार्डों के पार्षद, नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी, बड़ी संख्या सफाईकर्मी और नागरिक उपस्थित रहे।