कोलकाता, ठुमरी की रानी गिरिजा देवी का कहना है कि आज के दौर में भारतीय शास्त्रीय संगीत की मौलिकता बरकरार रखना काफी मुश्किल हो गया है। शास्त्रीय संगीत की 87 वर्षीय प्रख्यात गायिका ने कहा, ‘नहीं, मुझे नहीं लगता कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की मौलिकता को समकालीन परिवर्तनों के इस दौर में बरकार रखा जा सकता है लेकिन इसको लेकर अफसोस जाहिर करने का भी कोई मतलब नहीं है।’
‘पद्म विभूषण’ और हिंदुस्तानी संगीत के लिये ‘साहित्य नाटक अकादमी’ पुरस्कार से सम्मानित गायिका ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई भी उम्र किसी को ‘साधना’ करने से रोक सकती है। उन्होंने कहा, ‘आपकी उम्र तब तक कोई मायने नहीं रखती जब तक आप अपने संगीत करियर में सक्रिय हैं और साधना करते हैं।’
गिरिजा को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के मौके पर ‘अपराजित लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2017’ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें उनकी संगीत की शैली से प्यार है तो उन्हें ऐसा करने दीजिए। जैसे-जैसे समय बीतता है, उसमें (संगीत) बदलाव आ सकते हैं और मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है।’