विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे राज्य के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाली सभी शिक्षित महिलाओं को उचित प्रशिक्षण दें तथा उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करें।
एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए कार्यस्थल भी बनाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाओं को गृहिणी बनकर नहीं रहना चाहिए और उन्हें अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। उन्होंने मंगलवार को राज्य सचिवालय में सह-कार्यस्थल और पड़ोस के कार्यस्थल के विकास पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सह-कार्यस्थल और घर से काम करने की व्यवस्था के साथ मानव संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।
एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि शिक्षित महिलाओं को खुद को अपने घरों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, क्योंकि घर से काम करने और सहकर्मी केंद्र उन्हें बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कई शिक्षित महिलाएं अभी भी घर पर रह रही हैं और उन्हें लगता है कि अगर घर से काम करने की सुविधा उनके करीब लाई जाए, तो उन्हें रोजगार मिल सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं बहुत कुशल और प्रतिभाशाली हैं, लेकिन कुछ पारिवारिक मुद्दों तथा जिम्मेदारियों के कारण वे खुद को अपने घरों तक सीमित रख रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी महिलाओं को उचित अवसर प्रदान किए जाएं, तो आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी।
इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने दिसंबर 2025 के अंत तक सहकर्मी केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है और ये केंद्र जगह की उपलब्धता के आधार पर सरकारी और निजी भवनों में स्थापित किए जाएंगे। अधिकारियों ने श्री नायडू को बताया कि अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में सरकारी और निजी दोनों इमारतों में इस उद्देश्य के लिए 22 लाख वर्ग फुट जगह की पहचान की गई है।
वहीं, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घर पर रहने वालों की जरूरतों की पहचान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा इनोवेशन हब की स्थापना के लिए कम से कम पांच स्थानों पर आवश्यक इमारतों की पहचान की जाएगी। साथ ही, उन क्षेत्रों में स्थित शिक्षण संस्थानों और उद्योगों को इन इनोवेशन हब से जोड़ा जाएगा।