श्रीनगर , जम्मू कश्मीर के श्रीनगर हमले में लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों की मदद करने वाले दो मददगारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमले में दो केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान शहीद हो गये थे ओर कई अन्य घायल हो गए थे।
कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी)विजय कुमार ने आरटीसी हमहमा में सीआरपीएफ के दो शहीद जवानों के पुष्पांजलि समारोह के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लवेपोरा श्रीनगर में सीआरपीएफ पर हमला करने वाले एलईटी के दो मददगारों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होेंने कहा कि हालांकि दो पाकिस्तानी आंतकवादियाें सहित एलईटी तीन आतंकवादी उनके मददगारों की गिरफ्तारी के बाद वहां से फरार होने में कामयाब रहे। दोनों की पहचान मुजफ्फर अहमद मीर और जावेद अहमद शेख के रूप में हुई है। जिन्होंने सीआरपीएफ पर हमले के लिए लश्कर के आतंकवादियों को रसद मुहैया कराई थी।
श्री कुमार ने कहा कि कल के हमले से दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थिति पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा में कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहाकि आगामरी 28 हून से यात्रा के शुरू होने से पहले हम हमले में शामिल आतंकवादियों को सफाया कर देंगे।
श्री कुमार ने कल के हमले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि श्रीनगर और बांदीपोरा पुलिस ने हमले के तुरंत बाद अथक परिश्रम किया और आतंकवादियेां के दो मददगारों और लश्कर आतंकवादी नदीम अबरार भट उर्फ अबू बराड़, नरबल, बडगाम की पहचान की, जो लवेपोरा हमले में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि मददगार मीर ओर शेख ने नदीम को रसद मुहैया करायी। जो मददगार मीर का करीबी संबंधी है। श्री कुमार ने कहा कि तीनों ने कल दोपहर को हमले से एक दिन पहले क्षेत्र की रेकी की थी।
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए शेख ने एक मारुति कार का उपयोग किया। जिसे बाद में कार के साथ गिरफ्तार किया गया और कार से कुछ खाली कारतूस बरामद किए गए। बाद में पूछताछ के बाद मीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों मददगारों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने नदीम के दो संभावित ठिकानों और दो विदेशी आतंकवादियों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। ठिकाने पर छापा मारने से पहले वे मीर और शेख की गिरफ्तारी के बारे में जानने के बाद वहां से फरार हो गए थे।