मुंबई, बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त चेक बाउंस मामले में दो दिन पहले अपने खिलाफ जारी हुए गिरफ्तारी वारंट पर एक स्थानीय अदालत में पेश हुए। न्यायालय ने वारंट को बाद में रद्द कर दिया। संजय अपने वकीलों के साथ अंधेरी कोर्ट के मजिस्ट्रेट सी.वी. पाटिल की अदालत में यह बताने के लिए पेश हुए कि वह पूर्व की सुनवाई में क्यों नहीं पहुंच सके। न्यायालय ने दत्त के आवेदन पत्र को स्वीकार करते हुए उनकी गिरफ्तारी का वारंट रद्द कर दिया।
सुनवाई के फौरन बाद संजय मीडिया को नजरअंदाज करते हुए अदालत परिसर से निकल गए। मामला 2013 में निर्माता शकील नूरानी द्वारा अभिनेता के खिलाफ दायर चेक बाउंस से जुड़ा है। नूरानी का आरोप है कि संजय ने उनकी फिल्म जान की बाजी में मुख्य भूमिका निभाने के लिए धनराशि ली थी, पर वह इसे पूरा नहीं कर सके। इसके बाद वित्तीय विवाद के निपटारे के लिए उन्हें गैगस्टर्स से धमकी मिली।
इससे पहले संजय को सात फरवरी को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुए, जिसके बाद 15 अप्रैल को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया। हालांकि वह इस सुनवाई में भी नहीं पहुंचे। हालांकि संजय के एक प्रवक्ता ने शनिवार रात को दावा किया कि कानूनी टीम के साथ संवाद की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। प्रवक्ता ने कहा, हम माननीय न्यायालय द्वारा हमारी पेशी को लेकर दिखाई गई तत्परता का सम्मान करते हैं। हम स्थिति में सुधार के लिए जल्द ही कोई उपाय करेंगे।