फैजाबाद , डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के युवा कर्मचारी स्व. नैमिष चंदेल की स्मृति में विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद द्वारा प्रदेश स्तरीय अयोध्या हाफ मैराथन प्रतियोगिता 2018 का आयोजन किया गया। इस दौड़ में 21 किलोमीटर की दूरी साढ़े तीन घंटे में पूरी की गई। 753 प्रतिभागियों ने एक विदेशी युवा फैड्रिक भी था। महिला वर्ग में फूलन पाल और पुरुष वर्ग में संदीप यादव ने प्रतियोगिता जीत परचम लहराया।
महिला वर्ग में फूलन पाल ने बाजी मारी। नंदिनी गुप्ता को दूसरा और नीता पटेल को तीसरा स्थान मिला। वहीं पुरुष वर्ग में संदीप यादव पहले, मो. शाहिद दूसरे और प्रमोद कुमार तीसरे स्थान पर रहे। 21 किलोमीटर यह मैराथन तीन घंटे में पूरी हुई। सुरक्षा के लिए फोर्स और मेडिकल टीम तैनात की गई थी।
अयोध्या हाफ मैराथन प्रतियोगिता सुबह 7 बजे अवध विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से निकली। इसे सांसद लल्लू सिंह, कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडेय, बिग्रेडियर ज्ञानोदय व स्व. नैमिष चंदेल के पिता देवपाल सिंह चंदेल ने हरी झंडी दिखाई। ये दौड़ मकबरा, ओवरब्रिज, जीआईसी, रिकाबगंज, रीडगंज, साहबगंज, बेनीगंज, साकेत महाविद्यालय, अयोध्या हनुमानगढ़ी से होते हुए अयोध्या शोध संस्थान, कारसेवकपुरम चौराहा तथा रामघाट रोड से हाईवे बूथ नं-4 से होकर करीब 11 बजे विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी तकनीकी संस्थान के मुख्य द्वार पर संपन्न हुई।
महिला और पुरुष वर्ग के सात-सात धावकों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महिला वर्ग में सांत्वना पुरस्कार वन्दना यादव, आस्था ओझा, अंजू यादव, माधुरी यादव, जुही सिंह, नीतू मिश्रा और बबली वर्मा को दिया गया। वहीं पुरुष वर्ग में दिनेश कुमार यादव, शिवपूजन यादव, कमलेश वर्मा, संदीप कुमार यादव, विजयभान यादव, शिवम यादव और फ्रासिंस को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रथम पुरस्कार के रूप में 21 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रुपये, तृतीय पुरस्कार के लिए 11 हजार रुपये और सांत्वना पुरस्कार के लिए एक हजार रुपये दिए गए।
मुख्य अतिथि बिग्रेडियर ज्ञानोदय ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है। यहां पर युवा शक्ति को खेल में बढ़ावा मिलना चाहिए। भारतीय ओलिम्पिक असोसिएशन के कोषाध्यक्ष आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि खेल में पिछड़े होने का प्रमुख कारण प्रदेश में कोई खेल नीति नहीं होना है। युवा पीढ़ी किताबों और पाठ्यक्रमों के बोझ तले दबी जा रही है। 125 करोड़ आबादी वाले देश में 1 करोड़ लोग भी खेल से नहीं जुड़े हैं।
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उन्होंने कहा कि क्यूबा में 1 करोड़ की आबादी में 80 लाख लोग खेल से जुड़े हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि खेल व्यक्तित्व को सम्पूर्णता प्रदान करती है। उच्च शिक्षा में खेल की स्थिति बेहद खराब है। इसी खेल व्यवस्था को उच्चीकृत करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रयत्नशील है। विशिष्ट अतिथि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार खेलों के प्रोत्साहन दे रही है। इसी क्रम में ग्रामीणाचंल क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम सभा स्तर पर खेल मैदानों को चिह्नित कर उनका विकास किया जा रहा है।