लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन के तमाम कयासों के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को कड़ा संदेश देते हुए आज कहा कि इस पार्टी ने चुनावी तालमेल को लेकर अब तक कोई सकारात्मक बात नहीं की है और सपा उसे कुल 403 में से केवल 85 सीटें ही दे सकती है।
सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य मकसद आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। इसके लिये कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की गयी लेकिन उसकी तरफ से अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर भाजपा को परास्त होते देखना चाहती है तो उसे सपा के फार्मूले को मानना होगा। इस फार्मूले के तहत पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन सीटों पर पहले या दूसरे नम्बर पर रही थी, और वे सीटें जिन पर सपा तीसरे, चौथे या पांचवें नम्बर पर रही थी, वे कांग्रेस को दे दी जाएंगी। नन्दा ने कहा कि इस हिसाब से कांग्रेस को 54 सीटें ही मिलनी चाहिये, लेकिन अगर वह गम्भीरता से बातचीत करे तो उसे 25-30 सीटें और दी जा सकती हैं। सपा कांग्रेस को अधिकतम 85 सीटें दे सकती है।
यह पूछे जाने पर कि सपा द्वारा आज घोषित 191 सीटों में में कई वे सीटें हैं, जिन पर वर्ष 2012 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन होगा तो कांग्रेस जहां जीती है, वह सीट उसे दे दी जाएगी। मालूम हो कि नन्दा ने गुरुवार को कहा था कि सपा करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में माना जा रहा था कि वह कांग्रेस के लिये 100 या 103 सीटें छोड़ सकती है। इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को भी शामिल करने की बात थी, मगर बाद में सपा ने यह इरादा छोड़ दिया था।
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस के साथ सपा का गठबंधन मुश्किल हो गया है, नन्दा ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी। सपा अब भी कांग्रेस से तालमेल करना चाहती है, लेकिन अपनी शर्तों पर। चुनाव बिल्कुल नजदीक है, ऐसे में सपा और इंतजार नहीं कर सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होने पर सपा अमेठी और लखनऊ छावनी सीट अपने पास ही रखेगी। उसके एवज में वह अपनी एक-एक जीती हुई सीट दे देगी। नन्दा ने बताया कि सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी सोमवार को पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी करेंगे और फिर बुधवार से वह अपना प्रचार शुरू करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव अखिलेश के चेहरे और नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पार्टी नेताजी का नाम और अखिलेश जी का काम के नारे पर चुनाव लड़ेगी।