लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों को पुलिस ने बुधवार से शुरु हो रहे चार दिवसीय धरना प्रदर्शन को विधान भवन के आसपास करने से रोकते हुए प्रदर्शनकारियों को दिया।
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की कानून व्यवस्था को लचर बताते हुए बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और विपक्षी दलों खासकर सपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमें दायर करने सहित अन्य मुद्दों के विरोध में पार्टी के विधायकाें काे आज से चार दिन तक विधान सभा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन करने को कहा था। पूर्व निर्धारित कार्ययाेजना के मुताबिक सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडे के नेतृत्व में अाज सपा विधायकों को धरना प्रदर्शन करना था। दिन में 11 बजे सपा विधायकों के एकत्र होने पर पुलिस ने उन्हें हजरतगंज चौराहे से आगे बढ़ने से रोक दिया।
वहां तैनात पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर दलील कि जनपद लखनऊ का चिन्हित धरना स्थल इको गार्डन है, इसलिये सपा विधायकों को विधान सभा परिसर में आंदोलन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इस मुद्दे पर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जारी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि विधान सभा पर धरना प्रदर्शन करने से आम जनता को भारी असुविधा होगी। विधान भवन उच्च सुरक्षा क्षेत्र (हाई सिक्योरिटी जोन) में आता है, इसलिये इस धरना प्रदर्शन से इस क्षेत्र की सुरक्षा भी प्रभावित होगी। अत: उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में लखनऊ जिले के चिन्हित धरना स्थल इकाेगार्डन में धरना प्रदर्शन करने से लखनऊ पुलिस को कोई आपत्ति नहीं होगी।
पुलिस अधिकारियों ने विधान भवन के आसपास के इलाकों में धरना प्रदर्शन के लिये जुट रहे सपा विधायकों एवं समर्थकों को पहले से मौजूद वाहनों से ले जाकर ईकोगार्डन भिजवा दिया। पुलिस की आेर से अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया या नहीं।
सपा विधायक प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था, मंहगाई और बेराजगारी सहित अन्य मुद्दों को आगामी 19 सितंबर से शुरु हो रहे विधान सभा के मानसून सत्र में प्रभावी तरीके से उठाने के पहले 14 से 18 सितंबर तक विधान सभा परिसर में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना देना चाहते हैं। जिससे विधान सभा के मानसून सत्र में सत्तापक्ष पर इन मुद्दों को लेकर माकूल दबाव बनाया जा सके।
पार्टी का आरोप है कि लखनऊ में पुलिस ने सपा विधायकों को धरना प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिये उन्हें घर से ही नहीं निकलने दिया। सपा ने पार्टी विधायक रविदास मल्होत्रा के घर के बाहर तैनात पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए यह आरोप लगाया। वीडियो में पुलिस अधिकारी को यह कहते सुना जा सकता है कि उसे विधायक को घर में ही रोके रखने के लिये कहा गया है।
सपा ने इसे निंदनीय बताते हुए ट्वीट कर कहा, “लोकतंत्र की हत्या करना बंद करे सरकार। आज विधानसभा में जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए धरना देने जा रहे सपा विधायकों को पुलिस ने पहले घरों से नहीं निकलने दिया। अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ ‘मीडिया’ के बंधुओं को सपा विधायकों से बात भी नहीं करने दे रही पुलिस। घोर निंदनीय।”
पार्टी ने यहां स्थित सपा मुख्यालय पर भी पुलिस तैनात होने और पार्टी नेेताओं काे कार्यालय में ही नजरबंद करने का आरोप लगाया। सपा ने ट्वीटर पर एक वीडियो के जरिये सपा कार्यालय के बाहर पुलिस की घेराबंदी को दिखाते हुए कहा, “भाजपा सरकार को क्या लगता है कि सपा कार्यालय पर फ़ोर्स तैनात कर समाजवादियों को डरा लेगी? समाजवादी पार्टी का एक एक नेता व कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आमजन के साथ खड़ा है, हम सत्ता के दबाव के आगे झुकेंगे नहीं।