बर्मिंघम, यह अज़ीब है कि इंग्लैंड में इस बार लाल ड्यूक गेंद टेस्ट क्रिकेट में कम स्विंग हो रही हैं और ज़ल्द मुलायम हो जा रही हैं, जबकि सफ़ेद कूकाबुरा गेंद केवल स्विंग ही नहीं हो रही हैं बल्कि आमतौर पर होने वाली स्विंग से ज़्यादा लंबे समय तक स्विंग हो रही हैं। यह विचित्र है कि प्रतियोगिता का इतना अभिन्न अंग समरूप नहीं है, बल्कि यह भी अजीब है कि सार्वजनिक क्षेत्र में एक पेशेवर खेल के ऐसे अभिन्न अंग पर इतना कम शोध उपलब्ध है। इसके अभ्यासियों को उन्हें मिलने वाली गेंदों के बैच से भी अंदाज़ा नहीं होता।
भुवनेश्वर कुमार ने भारत को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त दिलाने के बाद कहा, “सच कहूं तो मुझे नहीं पता कि क्यों गेंद स्विंग हो रही हैं, क्योंकि मैं यहां पर कई बार आकर खेला हूं और पिछली सीरीज़ों में मुझे इतनी स्विंग नहीं मिली।”
“तो हां, मैं भी हैरान था कि सफ़ेद गेंद स्विंग हो रही है और लंबे समय तक हो रही है ख़ासतौर पर टी20 प्रारूप में। और हां विकेट में भी अतिरिक्त बांउस है। तो हां जब भी गेंद स्विंग होती है तो आप अधिक आनंद लेते हो। लेकिन सच कहूं तो मुझे नहीं पता यह मैं स्विंग करा रहा हूं या यह परिस्थितियों की वजह से है या गेंद इसका कारण है लेकिन हां मैं खुश हूं कि गेंद स्विंग हो रही है।”
आश्चर्य नहीं कि भुवनेश्वर अभी खिलौनों की दुकान में एक बच्चे की तरह हैं। गेंद उनके लिए स्विंग कर रही है और लंबे समय तक स्विंग कर रही है। इस हिसाब से दो मैचों के बाद उनके गेंदबाज़ी आंकड़ें 6-1-25-4 हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वह दिखावा करते हैं और इनस्विंग-आउटस्विंग-इनस्विंग-आउटस्विंग कराते हैं लेकिन ऐसे आपको विकेट नहीं मिलते हैं। और आज के क्रिकेट में बहुत कम लोग हैं जो भुवनेश्वर से बेहतर स्विंग गेंद का उपयोग करना जानते हैं।
भुवनेश्वर ने कहा, “यदि गेंद स्विंग होती है, जो मेरी ताकत है तो मैं आक्रमण की सोचता हूं। फ़्लैट विकेट पर बल्लेबाज़ आक्रमण करते हैं, वे अपने शॉट खेलते हैं, लेकिन पिछले दो मैचों में स्विंग मिली और मैंने आक्रमण किया है। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप खुद से आगे न बढ़ें। आपको एक इनस्विंगर, एक आउटस्विंगर, एक इनस्विंगर गेंदबाज़ी करने का मन करता है, लेकिन उस ललक को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। लगातार गेंदबाज़ी करें और बल्लेबाज़ को सेटअप करें।”