बिहार के मुख्यमन्त्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक बार फिर संघ मुक्त भारत की बात कही। चुनार तहसील के शिवशंकरी धाम में आयोजित जद-यू के प्रमंडल कार्यकर्ता सम्मलेन में उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अब सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम लेने लगे हैं। उन्हें शायद यह पता नहीं है कि सबसे पहले सरदार पटेल ने ही आरएसएस पर पाबंदी लगाई थी। हम उन्हें मानने वाले हैं इसलिए संघ मुक्त देश की बात कर उनके बताए रास्ते पर चल रहे हैं।नीतीश के निशाने पर सबसे ज्यादा मोदी रहे।
नीतीश ने कहा कि सभी धर्मों में शराब बंदी की बात कही गई है। कबीर, तुलसी, रहीम के साथ ही बाद के महापुरुषों डॉ अम्बेडकर, कांशीराम ने भी शराब का विरोध किया है। शराब से सबसे अधिक नुकसान गरीबों का होता है। शराब पीकर आने पर घर मे कलह होती है। इसलिए शराब की बंदी बहुत जरूरी है। इसमें जनता के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि यूपी की जनता शराब बंदी चाहती है तो मुझे ताकत प्रदान करे। मेरे पास जिस दिन ताकत आ गई, उसके दूसरे दिन से शराब बंद हो जाएगी।नीतीश ने कहा कि लोग जागरूक हो रहे हैं और महिलाए खुद शराब बंदी कराने में जुट गई हैं।
नीतीश ने कहा कि बिहार महिलाओं को पंचायत और नगर निकाय में 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। पुलिस और राज्य सरकार् की सभी नौकरी में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जब हमारी सरकार पहली बार बनी थी तब 1 लाख 70 हजार लड़कियां स्कूल जाती थीं। उनके लिए पोशाक व साइकिल योजना शुरू की तो पूरे बिहार में साढ़े आठ लाख लड़कियां नौवीं के ऊपर की कक्षाओं में पढने जाने लगीं।