लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी जल संचय योजना के तहत तालाबों की खुदाई की जमीनी हकीकत जानने हेतु आज चरखारी पहुंचे। वहां उन्होंने तालाबों के पुनर्जीवन सम्बन्धित निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। जनपद महोबा के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने चरखारी स्थित 8 तालाबों का लोकार्पण भी किया। तालाबों के निरीक्षण व लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड में पानी की कमी के मद्देनजर जल संचयन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि यहां की पेयजल की समस्या के निराकरण के साथ-साथ सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार तालाबों के साथ-साथ बांध बनाने का भी कार्य करेगी और यह कार्य तेजी के साथ पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तालाबों के चारों तरफ वृक्षारोपण किया जाए, जिससे जल संरक्षण हो सके। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में समाजवादी सरकार का एक दिन में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। श्री यादव ने चरखारी में तालाबों के निर्माण कार्य की तेजी के सम्बन्ध में कहा कि यह कार्य रिकॉर्ड अवधि में पूरा कराया गया है। कार्य का इतनी तेज गति से पूरा होना पूरी दुनिया में एक कीर्तिमान है। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से समाजवादी जल संचय योजना के तहत यह कार्य कराया है। मुख्यमंत्री ने तालाबों के खुदाई कार्य के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार संकट की घड़ी में बुन्देलखण्ड के लोगों के साथ खड़ी है। उन्हें हर सम्भव मदद दी जाएगी। चाहे वह पेयजल, खाद्यान्न अथवा सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने की हो अथवा रोजगार के अवसर व आर्थिक सहायता आदि की हो। उन्होंने कहा कि हर गरीब को समाजवादी पेंशन के दायरे में लाया जाएगा। सूखे की स्थिति में सबसे अधिक जरूरत मॉनीटरिंग और हर जरूरतमंद को सहायता उपलब्ध कराने की होनी चाहिए। श्री यादव ने कहा कि बुन्देलखण्ड के लिए दलहन व तिलहन में सब्सिडी, ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा, कामधेनु डेयरी योजना, समाजवादी राहत वितरण, समाजवादी पेंशन, सोलर ऊर्जा विस्तार जैसे कार्य प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं, जिनसे लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चरखारी को आदर्श क्षेत्र बनाया जाएगा। इसके सम्बन्ध में जो भी योजनाएं हों, उन्हें भेजा जाए। उन योजनाओं को पूरा करने का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन गांवों के नाम तालाबों के नाम पर हैं, उन्हें जनेश्वर मिश्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया जाएगा।
श्री यादव कहा कि समाजवादी सरकार ग्रामीण जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए निःशुल्क सिंचाई योजना, डॉ. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना, राज्य पोषण मिशन, कामधेनु डेयरी/मिनी कामधेनु डेयरी/माइक्रो कामधेनु धेयरी योजना, सोलर पम्प योजना जैसी अनेक विकास योजनाएं संचालित कर रही है। जनता के कल्याण और मदद के लिए समाजवादी पेंशन योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना, निःशुल्क लैपटॉप वितरण योजना, संशोधित कन्या विद्या धन योजना, 1090 विमेन पावर लाइन जैसी अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं वर्तमान सरकार द्वारा संचालित की जा रहीं हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्विस कॉटेज मेला ग्राउण्ड में तालाबों की खुदाई के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग के प्रेजेन्टेशन का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी जल संचय योजना के कार्यों को सभी अधिकारी गम्भीरता से लें तथा समाजवादी राहत पैकेट के वितरण के पारदर्शिता तथा गुणवत्ता बनाए रखें। साथ ही, समाजवादी पेंशन योजना का लाभ हर जरूरतमंद को दें तथा जहां कहीं पर तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण है उसे सख्ती से हटवाएं तथा खुदाई का कार्य कराएं। इसके साथ-साथ नदियों की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। श्री यादव ने इस मौके पर बटन दबाकर सौर ऊर्जा से चलने वाली पेयजल योजना का शुभारम्भ किया तथा किसान दुर्घटना बीमा योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए। उन्होंने स्यवरी झील, झांसी पर चल रहे कार्यों को ओटीवी वैन के माध्यम से देखा तथा कार्य स्थल पर मौजूद कृषकों से तालाबों की खुदाई की जानकारी प्राप्त की। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि चरखारी में ऐतिहासिक काम हुआ है। सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड में समाजवादी जल संचय योजना शुरू की गयी है और सरकार की मंशा के अनुसार तीव्र गति से काम हो रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि हर हाल में 15 जून तक यह कार्य पूरा होना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान, छात्र, नौजवान, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, मजदूरों, सहित समाज के सभी वर्गों हेतु कदम उठाए हैं तथा राज्य सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र की तरक्की के लिये कार्य कर रही है।
मुख्य सचिव ने कहा कि समाजवादी राहत पैकेट हर महीने जरूरतमंदों को निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे तथा खाद्य सुरक्षा के तहत पात्र परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। पेयजल समस्या के निराकरण हेतु 1000 टैंकर दिए गये हैं। 5,500 हैण्डपम्प रिबोर किए गए हैं। मनरेगा के तहत हर जरूरतमंद को काम दिया जा रहा है तथा शत-प्रतिशत लक्ष्य भी प्राप्त किया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 32,000 तालाबों में से बुन्देलखण्ड में 20,000 तालाब चिन्हित किए गए हैं, जिन पर कार्य कराया जाएगा। उन्होंने तालाबों के साथ-साथ नदियों के पुनर्जीवन पर जोर दिया तथा महोबा की चन्द्रावल नदी को जीवन धारा के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल ने कहा कि चरखारी के तालाबों का दो सौ वर्ष पुराना इतिहास रहा है। चन्देल राजाओं द्वारा जल संरक्षण तथा पेयजल समस्या के निराकरण हेतु तालाब बनवाए गए थे। तब से उनका कभी जीर्णोद्धार नहीं किया गया। सिंचाई विभाग द्वारा मात्र 15 दिनों के अन्दर चरखारी में तालाबों की खुदाई का ऐतिहासिक कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड के चयनित 100 तालाबों में से 94 तालाबों पर कार्य प्रगति पर है। यह कार्य 40 दिन में पूरा किया जाएगा। जयसागर ताल में लगे सोलर पम्प पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से चरखारी में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से लगभग 140 करोड़ रुपए खर्च करके रिकॉर्ड समय में पारदर्शिता के साथ 100 तालाबों का पुनर्जीवन करने हेतु समाजवादी जल संचय योजना लागू की है। पिछले 15 दिन में 100 तालाबों के पुनर्जीवन का कार्य कराया जा रहा है।