नई दिल्ली, दलहन फसलों की बढ़ी पैदावार और बाजार में सुधरी आपूर्ति के चलते जिंस बाजार में कीमतें तेजी से घटी हैं। सरकारी खरीद बंद होने से महाराष्ट्र व कर्नाटक के किसानों का आंदोलन हो रहा है। इन स्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने दाल की स्टॉक सीमा को तत्काल उठा लिये का निर्देश दिया है। दाल की जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर काबू पाने के लिए सरकार ने दालों का बफर स्टॉक स्थापित किया है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने सभी राज्यों को इस बाबत निर्देश भेजा है। पासवान ने ट्वीट कर कहा है कि सरकारी बफर स्टॉक में 20 लाख टन की खरीद पूरी हो चुकी है। इसके मद्देनजर बाजार में कीमतें घट गई हैं। इसलिए दाल पर लगाई गई स्टॉक सीमा की अब जरूरत नहीं है।
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्यों को तत्काल प्रभाव से स्टॉक सीमा के प्रावधान को समाप्त कर देना चाहिए। वर्ष 2015 में दालों की कीमतें 200 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई को छू गई थीं। इसे देखते हुए किसानों का रुझान दलहन फसलों की खेती की तरफ हो गया था। अनुकूल मौसम और सरकारी प्रोत्साहन के चलते दलहन की रिकॉर्ड पैदावार हुई है। लेकिन दालों पर लगी स्टॉक सीमा के चलते किसानों की उपज खरीदने वाले व्यापारियों के लिए मुश्किल पैदा हो गई है। इसी को देखते हुए सरकार ने दालों के भंडारण पर लगाई गई सीमा को उठाने को कहा है। विभिन्न राज्यों में स्टॉक सीमा अलग-अलग है।