सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले , गोकुल पुरस्कार से हुये सम्मानित
October 11, 2017
लखनऊ , उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 146 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य के दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने वर्ष 2015.16 एवं 2016.17 में समितियों के माध्यम दुग्ध संघों को सर्वाधिक दुग्ध उपलब्ध कराने वाले 146 दुग्ध उत्पादकों को आज गोकुल पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
लक्ष्मी नारायण चौधरी ने वर्ष 2015.16 में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादित करने वाली श्रीमती राजपति को प्रथम पुरस्कारए फर्रूखाबाद के जाहर सिंह को द्वितीय पुरस्कार तथा लखीमपुर खीरी के राम सनेही सिंह को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने जिला स्तर के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।
लक्ष्मी नारायण चौधरी ने इसी के साथ वर्ष 2016.17 के चयनित लाभार्थी लखीमपुर खीरी जिले के वरूण सिंह को प्रथम तथा लखनऊ की श्रीमती नीलम सिंह को द्वितीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वर्ष 2015.16 के प्रदेश स्तरीय प्रथम पुरस्कर विजेता को एक लाख रुपयेए द्वितीय पुरस्कार विजेता को 75 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार विजेता को 50 हजार रुपये एवं जिला स्तर के विजेताओं को 22 हजार रुपये की नगद धनराशि तथा पीतल धातु पर गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा एवं भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की शील्ड प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के तहत वर्ष 2016.17 से गोकुल पुरस्कार की धनराशि में बढ़ोत्तरी की गई है। वर्ष 2016.17 के प्रदेश स्तरीय प्रथम पुरस्कार विजेता को 1.50 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार विजेता को एक लाख तथा जिला स्तर के विजेताओं को 51 हजार रुपये की नगद धनराशि एवं पीतल धातु पर गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा तथा भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की शील्ड प्रदान की गई।
गोकुल पुरस्कार वर्ष 2001.02 से दिया जा रहा है। दुग्ध विकास मंत्री ने इस मौके पर घोषणा की कि वर्ष 2017.18 में चयनित प्रथम विजेता को दो लाख, द्वितीय विजेता को 1.50 लाख रुपये की धनराशि दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि सर्वाधिक दूध उत्पादित करने वाले देशी गाय पालकों को नन्दबाबा पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इसके लिए एक लाख रुपये की धनराशि विजेता को प्रदान की जायेगी। इस अवसर पर श्री चौधरी ने पराग द्वारा निर्मित दिवाली के शुभ मौके पर एक निश्चित मिठाई ;असार्टेड स्वीट्स के हैम्पर का भी शुभारम्भ करते हुए सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाले विजेताओं को बधाई दी।
इस मौके पर प्रमुख सचिव दुग्ध विकास, सुधीर महादेव बोबड़े ने कहा कि प्रादेशिक को.आपरेटिव डेरी फेडरेशन से सम्बद्ध सहकारी क्षेत्र की दुग्ध समितियों में दूध दे रहे उत्पादकों को उचित मूल्य उनके बैंक खाते में सीधे दिलाने के लिये प्रत्येक दुग्ध समिति में आधुनिक मशीन डेटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वारा दी जा रही दूध की मात्रा तथा गुणवत्ता की तुरन्त गणना के आधार पर दुग्ध मूल्य की सूचना एसएमएस द्वारा उनके मोबाइल पर प्राप्त हो जायेगी। साथ ही साथ दुग्ध उत्पादक का दुग्ध मूल्य उनके खाते में एक निश्चित अन्तराल में इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर से पहुंच जायेगा। इस पारदर्शी व्यवस्था में दुग्ध उत्पादक पूर्णतः शोषण मुक्त भी हो जायेगा।