पटना , इतिहासकार एवं महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने आज लोगों से अन्याय के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते हुये कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों का अवश्य विरोध होना चाहिए।
राजमोहन गांधी ने यहां बापू के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष की शुरुआत पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि राष्ट्रपिता अपने पूरे जीवन में समाज के अलग.अलग वर्गों के बीच जाति और नस्ल के भेदभाव से ऊपर उठकर प्रेम और भाईचारा कायम रखने की वकालत करते रहे। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी हिस्से से सांप्रदायिक तनाव की खबर आती थी तो गांधीजी पारस्परिक सहयोग और प्रेम से हालात को सामान्य बनाने का प्रयास करते थे। वर्ष 1946 में इसी तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर वह बिहार भी आये थे।
राजमोहन गांधी ने कहा कि राष्ट्रपिता ने लोगों को हमेशा दूसरों का दुख.दर्द महसूस करने की शिक्षा दी और यह समाज के सभी वर्गों के बीच प्रेम और भाईचारा कायम रखने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। उन्होंने कहा कि सच्चा मुसलमान वह है जो हिंदुओं की तकलीफ को महसूस करता है और यह मानक सच्चा हिंदू होने के लिए भी जरूरी है।