नयी दिल्ली, भारत ने कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के बीच मुलाकात के आयोजन के पाकिस्तान के तौर तरीकों को ‘‘अशिष्ट’’ करार देते हुए कहा कि इसमें मानवता और सद्भाव गायब थे और भयभीत करने वाले वातावरण में जाधव के परिवार वालों के मानवाधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया। लोकसभा में पाकिस्तान के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की गई ।
जाधव की अपने परिवार से भेंट से उत्पन्न स्थिति पर लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कहा कि इस मुलाकात में जाधव के परिवार वालों के मानवाधिकारों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया और उन्हें भयभीत करने वाला वातावरण वहां पैदा किया गया, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
उन्होंने कहा कि जाधव की उनके परिवार वालों से मुलाकात दोनों देशों के बीच आगे की दिशा में बढ़ने वाला एक कदम साबित हो सकती थी लेकिन यह खेद की बात है कि दोनों के बीच बनी सहमति से हटकर इस मुलाकात का आयोजन किया गया। 22 माह बाद एक मां की अपने बेटे से और एक पत्नी की अपने पति से होने वाली भावपूर्ण भेंट को पाकिस्तान ने एक दुष्प्रचार के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
सुषमा ने अपने बयान में कहा ‘‘हालांकि पाकिस्तान जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात को मानवतापूर्ण संकेत के तौर पर प्रदर्शित कर रहा था लेकिन सच तो यह है कि मानवता और सद्भाव के नाम पर हुई इस मुलाकात में से मानवता भी गायब थी और सद्भाव भी। ’’ उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षा के नाम पर जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए, उनके मंगलसूत्र, बिंदी सहित उनकी चूड़ियां उतरवा लिये।
सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा सत्यता से पूरी तरह परे है कि जाधव की पत्नी के जूतों में कोई उपकरण था। उन्होंने कहा कि जाधव की मां और पत्नी दुबई होते हुए इस्लामाबाद पहुंचीं और दोनों जगहों पर हवाईअड्डों पर वे सुरक्षा जांच से गुजरी थीं लेकिन तब कोई उपकरण का पता नहीं चला था। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि यह नहीं कहा :पाकिस्तानी अधिकारियों ने: कि जूते में बम रख दिया गया है ।
उन्होंने कहा कि समूचा सदन और इस सदन के माध्यम से भारत के समस्त लोग एक स्वर से पाकिस्तान के इस अत्यंत ‘‘अशिष्ट व्यवहार’’ की पुरजोर निंदा करेंगे और जाधव के परिवार के साथ हार्दिक सहानुभूति प्रकट करेंगे । सदन ने एक स्वर से इस पर सहमति प्रकट की । इस दौरान भाजपा, शिवसेना के सदस्यों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाये । विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच इसके बारे में सहमति बनी थी कि मीडिया को जाधव की मां और पत्नी के नजदीक आने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
लेकिन पाकिस्तानी प्रेस को न केवल परिवार के समीप आने दिया गया बल्कि उन्हें तरह तरह के अपशब्दों से संबोधित करके परेशान भी किया गया। उन पर झूठे आरोप भी लगाये गए और जाधव को जबरन आरोपी सिद्ध करने का प्रयास किया गया । सुषमा ने कहा, ‘‘दो दिन पहले विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। और बाद में इस मुलाकात से उपजी आपत्तियों को हमने राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान को भी अवगत करा दिया है।