नई दिल्ली, अर्द्धसैनिक बलों के सोशल मीडिया में आने पर रोक लगाने की चर्चाओं के बीच सेना ने साफ कर दिया है कि सेना के जवानों के स्मार्ट फोन रखने पर कोई रोक नहीं लगाई है। लेकिन मोर्चे पर ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन साथ नहीं ले जाने की परिपाटी जारी रहेगी।
अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के सोशल मीडिया पर उनके साथ खराब बर्ताव को लेकर वायरल हुए वीडियो से मचे सियासी हड़कंप में सेना के जवानों के मोबाइल फोन रखने पर पाबंदी लगने की अफवाहें उड़ी। इसके मद्देनजर सेना ने साफ कर दिया है कि जवानों के मोबाइल फोन रखने पर कोई पाबंदी नहीं है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी शुक्रवार को कहा था कि मोबाइल फोन रखने पर किसी तरह की रोक नहीं है। लेकिन सीमा पर चौकसी में पलक झपकने भर की गुंजाइश का रिस्क नहीं लिया जा सकता। इसलिए ड्यूटी पर जाने से पहले मोबाइल फोन जमा हो जाता है और मोर्चे से लौटते ही फोन जवान को मिल जाता है।
बीएसएफ और सीआरपीएफ के साथ सेना के एक जवान की ओर से भी सोशल मीडिया के जरिये अपनी खराब स्थिति और वरिष्ठ अफसरों के बुरे बर्ताव की शिकायतें सामने आई हैं। इसे लेकर सत्ता के शीर्ष हलकों में हलचल है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर गृह मंत्रालय तक ने जवानों की शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। तो सेना प्रमुख ने एक जवान की सोशल मीडिया पर बात सामने आते ही शुक्रवार को जवानों की समस्याओं से सीधे रुबरू होने के लिए हर कमान मुख्यालय में शिकायत पेटी रखने का आदेश जारी कर दिया। सेना प्रमुख ने जवानों से सोशल मीडिया की बजाये सीधे उनसे शिकायत करने की बात भी कही।