स्वच्छता को लेकर लोगों मे बढ़ी जागरुकता, 4 मई को जारी होगी शहरों की रैंकिंग
May 2, 2017
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन का कारवां अपनी मंजिल की ओर बखूबी आगे बढ़ रहा है। स्वच्छ भारत मिशन का जमीनी स्तर पर खासा असर देखने को मिल रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक साल में स्वच्छता को लेकर लोग काफी जागरुक हुए हैं। 434 शहरों और कस्बों की स्वच्छता रैंकिंग गुरुवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू द्वारा जारी की जाएगी। हालांकि इससे पहले उन्होने एक ट्वीट करके कहा कि हमारे लिए सर्वेक्षण की रैंकिंग से ज्यादा लोगों के प्रतिक्रिया अहम है।
सर्वे में पाया गया कि 17,500 लोकेशन में स्वच्छ भारत की वजह से बदलाव देखने को मिले हैं। सर्वे में बुनियादी सुविधाओं और सर्विस डिलीवरी को आधार बनाया गया है। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इस वर्ष जनवरी और फरवरी में एक सर्वे कमीशन गठन किया गया। इसके तहत देश के 18 लाख से अधिक नागरिकों से छह प्रश्नों पर शहरी और कस्बे की स्वच्छता को लेकर प्रतिक्रिया ली गयी। इसके अतिरिक्त क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा 421 मूल्यांकनकर्ताओं ने 434 शहरों और कस्बों की 17,500 स्थानों पर जाकर निजी तौर पर निरीक्षण किया है।
इसमें 2,680 आवासीय स्थान और 2,680 कॉमर्सियल लोकेशन और 2,582 कमर्शियल और पब्लिक स्थानों के टॉयलेट सुविधाओं की जांच की गयी। वैकेंया नायडू ने कहा कि सर्वे ने परिणाम उत्साहवर्धक हैं। पिछले एक साल में स्वच्छता को लेकर काफी कुछ बदलाव देखने को मिल रहा है। सर्वे के मुताबिक -83 फीसदी लोगों का मानना है कि पिछले एक साल में उनका इलाका काफी साफ हुआ है। -82 फीसदी लोगों के मुताबिक डोर टू डोर कूडा लेने की सुविधा बेहतर हुयी है, साथ ही स्वच्छता सुविधाओं में बेहतरी हुयी है। -80 फीसदी के कहना है कि पब्लिक टायलेट तक लोगों की पहुंच आसान हुयी है। -404 शहरों और कस्बों के 75 फीसद इलाके साफ हुए हैं। सर्वे में पब्लिक टायलेट संख्या बढ़ाने, दिव्यांगों और प्रत्येक टायलेट को जेंडर फ्रेंडली बनाने का सुझाव दिया गया।