गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिस तरह कोरोनाकाल में निगरानी समितियों ने बेहतर काम किया है ,उसी प्रकार स्थानीय व वार्ड स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाकर हर नागरिक को स्वच्छता के अभियान से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रविवार को यहां महानगर के रैम्पस स्कूल में 12 सितम्बर तक चलने वाले स्वच्छता महाभियान का शुभारंभ कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह महाभियान पूरे प्रदेश में एक साथ शुरू किया गया है। उन्होंने विशेष अभियान में शामिल सफाईकर्मियों की टोली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने कहा कि संचारी रोगों, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा, डायरिया आदि की रोकथाम के लिए स्वच्छता के इस महाभियान में सफाई, जलनिकासी, सैनिटाइजेशन, फॉगिंग, छिड़काव जैसे कार्य एकसाथ चलेंगे और साथ ही पेयजल की शुद्धता का ध्यान रखने के लिए क्लोरीन के टैबलेट भी वितरित किए जाएंगे।
श्री योगी ने कहा कि जिस तरह कोरोनाकाल में निगरानी समितियों ने बेहतर काम कियाए उसी प्रकार स्थानीय व वार्ड स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाकर हर नागरिक को स्वच्छता के अभियान से जोड़ा जाए। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घर का कूड़ा नाली या सड़क पर न फेंकेए इसे नियत स्थान पर रखे कूड़ेदान में ही डालें।
उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे घर का कूड़ा नाली या सड़क पर न फेंके, इसे नियत स्थान पर रखे कूड़ेदान में ही डालें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें स्वच्छता को संस्कार बनाना होगा। इसे अपने मनोभाव से जोड़ना होगा। यह मनोभाव अपने घर के साथ ही वार्ड, शहर और प्रदेश तक की स्वच्छता के प्रति होना चाहिए। यदि हम स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो बीमारियां दूर रहेंगी और बीमारियों पर होने वाला खर्च भी बचेगा।
मुख्यमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 साल तक नौनिहालों को असमय काल कवलित करने वाली इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण में स्वच्छता अभियान की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1977.78 से 2017 तक पूर्वी जिलो में प्रति वर्ष 1200 से 1500 बच्चे इंसेफेलाइटिस के चलते जान गंवा देते थे।
उन्होंने कहा कि पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश इस बीमारी से कराह रहा था। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान का मंत्र दिया था। सफाई के प्रति जागरूकता के इस पवित्र अभियान का परिणाम सबके सामने है। हर घर मे शौचालय होने से परिवर्तन हर तरफ दिख रहा है। इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौत न्यूनतम स्तर पर है और यह बीमारी लगभग गायब हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश एक समय इंसेफेलाइटिसए मलेरियाए डेंगू जैसी बीमारियों का गढ़ बन चुका था। एक तरफ यहां माफिया का कहर था तो दूसरी तरफ मच्छर और गंदगी से अव्यवस्था फैली हुई थी। आज स्वच्छता जागरूकता से बीमारियों पर काबू पाने के साथ ही यहां हम विकास की नई कहानी लिखते जा रहे हैं।