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स्वस्थ रहने के लिए अपनाएं ये सरल उपाय….

 आम व्यक्ति के लिए व्यायाम का अर्थ पहलवानी नहीं। सैर, चहल-कदमी, छोटे-मोटे खेल, मालिश, तेज चलना, दौड़ना आदि सब व्यायाम ही है। जो इनको या इनमें से किन्हीं एक या दो को अपनायेंगे, वह स्वस्थ रहेंगे। व्यायाम इतना ही करें जो हल्की थकान ला दे। थोड़ा पसीना आ जाए। मगर इसे अपनी रूचि से चुनें। मजबूरी से नहीं।

घास, वनस्पतियों में जाना, टहलन, सैर करना, हल्का व्यायाम करना हमारी आक्सीजन की आवश्यकता पूरी कर देता है। शरीर को आंतरिक व बाहरी पुष्टि प्राप्त होती है।

शाम की सैर भी जरूरी है। खुले में घूमना ही सैर है।

सप्ताह में एक बार (कम से कम) नहाने से पूर्व मालिश करें। मगर मालिश के तुरंत बाद नहाना ठीक नहीं। तौलिया खुरदरा ठीक रहता है।

नहाते समय शरीर पर केवल पानी न फेंके। इसे खूब मलें भी।

कोई इनडोर या आउटडोर गेम का भी शौक पालें।

अपने स्वास्थ्य, आयु, शरीर की अवस्था का ध्यान रखकर व्यायाम चुने।

यदि आप बड़े नगरों में रहते हैं तो किसी भी ऊंची मंजिल पर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय पैदल चढ़ें, उतरें। यह भी व्यायाम है।

भीड़-भाड़ बच कर पार्क में सैर करने का अवसर निकालें।

स्वच्छता- स्वच्छता भी शरीर के लिए उतनी ही आवश्यक है जितना आहार तथा व्यायाम। स्वास्थ्य के लिए आहार, व्यायाम तथा स्वच्छता, तीनों एक साथ, एक ही गति से चलनी चाहिए।

हाथ, पांव, मुंह, दांत सदा साफ रखें। शाम को काम से घर पहुंचने पर एक बार जरूर हाथ पैर एवं मुंह धो लें। आंखों पर भी पानी के छींटें दें।

हमारे भीतरी वस्त्र तथा अन्य कपड़े भले ही सस्ते हों, मगर पूरी तरह धुले हुए, साफ होने चाहिए।

यदि किसी भी कारण से गंदगी बनी रहेगी तो रोग पनपेंगे।

बर्तन, खाद्य पदार्थ, पीने का पानी, तौलिया, सब खूब साफ हो।