हज सब्सिडी के साथ, फिजूलखर्ची और धांधली पर भी गौर करे – उपाध्यक्ष, हज कमेटी

hajjनई दिल्ली,  हज सब्सिडी को धीरे-धीरे खत्म करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार की ओर से एक समिति का गठन करने के बाद भारतीय हज कमेटी के उपाध्यक्ष सुलतान अहमद ने आज कहा कि इस सरकारी समिति को हज सब्सिडी के मामले में विचार करने के साथ ही फिजूलखर्ची और धांधली पर भी गौर करना चाहिए ताकि हज के मामले में पारदर्शिता लाई जा सके और इसे अधिक किफायती बनाया जा सके।

पिछले दिनों केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने छह सदस्यीय समिति का गठन किया जो इस बात पर विचार करेगी कि बिना हज सब्सिडी के कैसे हज को किफायती बनाया जा सकता है। अहमद ने कहा, पहली बात कि केंद्र सरकार और जेद्दा स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को स्पष्ट करना चाहिए कि हज पर सही मायने में कुल कितना खर्च होता है और कितना फिजूल खर्च है। फिजूलखर्ची और धांधली को रोके बिना हज को किफायती नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि यह समिति हज सब्सिडी पर विचार करने के साथ ही हज के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची और धांधली को भी देखे। हज के मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए। पारदर्शिता की बहुत कमी है और इस स्थिति में सुधार जरूरी है। तृणमूल कांग्रेस के नेता अहमद ने यह भी कहा कि हज के मामले में वैश्विक निविदाएं जारी करने से पारदर्शिता लाई जा सकती है। उन्होंने कहा, एयरलाइंस और हाजियों के लिए आवास की सुविधा की वैश्विक निविदाएं मंगानी चाहिए। वैश्विक निविदाओं से प्रतिस्पर्धा होगी जिससे पारदर्शिता आएगी और हज किफायती होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *