अमरेली [ गुजरात ], हम धर्म की दलाली नहीं करते हैं। मेरी दादी और मेरा परिवार शिवभक्त हैं।धर्म को लेकर हमें किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।हम धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं करते हैं।सोमनाथ मंदिर के रजिस्टर में कथित तौर पर गैर हिंदुओं के लिए निर्धारित रजिस्टर में नाम लिखने से उपजे विवाद के बाद यह विचार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने व्यक्त कियें हैं।
गुजरात के अमरेली में कारोबारियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि धर्म निजी चीज है। हम धर्म का व्यापार नहीं करते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मेरी दादी (दिवंगत इंदिरा गांधी) और मेरा परिवार शिवभक्त है। लेकिन हम इन चीजों को निजी रखते हैं। हम आमतौर पर इस बारे में बातचीत नहीं करते हैं, क्योंकि, हमारा मानना है कि यह बेहद व्यक्तिगत मामला है और हमें इस बारे में किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका ‘व्यापार’ नहीं करना चाहते हैं। हम इसको लेकर दलाली नहीं करना चाहते हैं। हम इसका राजनैतिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं।’’
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि सोमनाथ मंदिर की एक आगंतुक पुस्तिका में मैंने दस्तखत किए थे। लेकिन, इसके बाद दूसरे रजिस्टर में भाजपा के लोगों ने मेरा नाम लिख दिया। सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू के संबंधों के बारे में राहुल ने कहा कि कुछ राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के बावजूद दोनों मित्र थे। दोनों साथ-साथ जेल गए थे। लेकिन, इसके बावजूद यहां कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं कि दोनों में दुश्मनी थी।
इस बीच, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा है कि राहुल गांधी की सोमनाथ यात्रा को लेकर विवाद के पीछे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हो सकते हैं। सोलंकी ने कहा कि शाह सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी हैं और आपको पता ही है कि वे क्या कुछ करने में सक्षम हैं। वे इस स्तर तक आ गए हैं कि अब हमें गैर हिंदू साबित करना चाह रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने सोलंकी के आरोपों का खंडन किया है।