नई दिल्ली, हॉकी इंडिया (एचआई) के अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) का नया अध्यक्ष बनने के बाद स्पष्ट कर दिया है कि वह अब इस पद को छोड़ेंगे और हॉकी इंडिया पर उनका कोई रिमोट कंट्रोल नहीं रहेगा। एफआईएच अध्यक्ष बनने के बाद बत्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा एफआईएच अध्यक्ष बनने से पहले मेरे पास हॉकी इंडिया अध्यक्ष, एचआईएल अध्यक्ष, जम्मू कश्मीर हॉकी संघ अध्यक्ष, एशियाई हॉकी परिसंघ उपाध्यक्ष और भारतीय ओलंपिक संघ के सह उपाध्यक्ष के पांच पद थे जिनमें से मुझे हॉकी इंडिया, एचआईएल, जम्मू कश्मीर और एशियाई हॉकी के अपने चार पद छोडने होंगे।
बत्रा ने कहा जम्मू कश्मीर और एशियाई हॉकी के पद तो मैं तत्काल छोडने जा रहा हूं जबकि एचआई और एचआईएल के पद भी जल्द ही छोड़ दूंगा। आईओए पद के लिये मुझे तकनीकी पहलू को देखना है। एफआईएच अध्यक्ष बनने के बाद हॉकी इंडिया पर उनका किसी भी तरह रिमोट कंट्रोल होने के बारे में पूछने पर बत्रा ने स्पष्ट शब्दों में कहा एक बात साफ है कि अब हॉकी इंडिया को चलाने का मेरा कोई मतलब नहीं है। जब मैं पद छोड़ दूंगा तो हॉकी इंडिया को भी पूरी तरह छोड़ दूंगा क्योंकि इसे संभालने के लिये सक्षम लोग मौजूद हैं। बत्रा ने कहा अगले एक दो दिनों में हॉकी इंडिया प्रायोजन के लिये एक बड़ा समझौता करने जा रही है और मैं इस डील से दूर रहूंगा। इसी तथ्य से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरा हॉकी इंडिया से अब कोई लेना देना नहीं रहेगा। हॉकी इंडिया के नये अध्यक्ष के बारे में कार्यकारी बोर्ड को ही फैसला करना है और वह अगले कुछ दिनों में इस बारे में फैसला कर लेंगे। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के रूप में अपनी विरासत के बारे में बत्रा ने कहा मुझे खुशी है कि पिछले पांच छह वर्षों में भारतीय हॉकी तेजी से आगे बढ़ी है।
पुरूष टीम विश्व रैंङ्क्षकग में 12वें से छठे स्थान पर पहुंच गयी जबकि महिला टीम ने 36 साल बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। मेरे लिये यह सबसे बड़े संतोष की बात है। उन्होंने साथ ही कहा मुझे एक दो बातों का अफसोस भी रहेगा। हमने हॉकी में पुरूष लीग शुरू की लेकिन मैं महिला लीग शुरू नहीं कर पाया। मैं देश को ओलंपिक में पदक दिलाना चाहता था लेकिन यह काम भी नहीं हो सका। लेकिन हमारे लिये खुशी की बात यह है कि पुरूष टीम में एक स्थान के लिये अब हमारे पास छह से सात खिलाड़ी मौजूद हैं जबकि महिला टीम में दो तीन खिलाड़यिों की स्थिति है। हम महिला टीम को भी पुरूष टीम की स्थिति में लाना चाहते हैं। हॉकी को अपना जुनून बताते हुये बत्रा ने कहा मेरे लिये एफआईएच का अध्यक्ष बनना सबसे गौरवपूर्ण क्षण था। मैं हॉकी को लोकप्रिय और बड़ा बनाने के लिये अपना योगदान देना चाहता हूं। बत्रा ने कहा कि वह हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद से हट जाएंगे। इसके बावजूद भारतीय हॉकी सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने बताया कि हॉकी इंडिया लीग का 2017 का सत्र छह टीमों का रहेगा जबकि 2018 का सत्र बेंगलुरू में होगा और इसमें सात टीमें रहेंगी। उन्होंने बताया कि 2018 की एशियन चैंपियंस ट्राफी और विश्वकप भारत में होंगे जबकि 2018 में ही एफआईएच कांग्रेस का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा। एफआईएच चुनाव के लिये बत्रा ने बताया कि 121 सदस्य दुबई पहुंचे थे और 118 सदस्यों ने अपने वोट डाले। कुछ वोट अवैध रहे थे। बत्रा को चुनाव में 68 वोट मिले थे और वह एफआईएच के 15वें अध्यक्ष बने हैं।