गोवा में इस बार आयोजित फेस्टिवल में 65 से ज्यादा देशों में से हिंदी कैटेगरी में सिर्फ दो फिल्मों का चयन किया गया है। इसमें शुजीत सरकार की फिल्म अक्टूबर के साथ हीं बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित मुसहर जाति की महिला के संघर्ष पर बुनी गयी फिल्म भोर भी शामिल है।अंजनी कुमार सिंह निर्मित और कामाख्या नारायण सिंह द्वारा निर्देशित भोर 22 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखायी जायेगी।
फिल्म में देवेश रंजन और कावेरी गौर ने मुख्य भूमिका निभायी है। फिल्म की 80 प्रतिशत शूटिंग बिहार के नालंदा जिले में की गयी है। फिल्म के जरिये मुसहर जाति के लोगों के दर्द औऱ संघर्ष को बयां करने की कोशिश गयी है। कामाख्या नारायण सिंह चाहते थे कि उनके कलाकार बिल्कुल मुसहरों की तरह दिखें तो उन्हें नालंदा के पैंगरी गांव में रखा गया। रोज़ उनकी ट्रेनिंग बड़ी अद्भुत होती थी।
कामाख्या नारायण सिंह ने कहा, मेरा मकसद है लोगों को समझाना कि हम शहरी लोगों से मीलों दूर बैठे जनजातीय लोगों की कई समस्याएं बिल्कुल वैसी ही हैं, जैसी हमारी। बस हम उन्हें देख नहीं पाते। फिल्म भोर महिलाओं की स्वतंत्रता और शिक्षा के मुद्दों पर केंद्रित है। फिल्म में यह दिखाया गया है कि एक मुसहर समाज की लड़की अपनी जिन्दगी को अपने शर्तो पर जीना चाहती है। अपने सपनों और इच्छा शक्ति के बूते पूरे देश में आंदोलन खड़ा कर देती है।