अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एवं विश्व में उपभोक्ताओं के डिजिटल अधिकार सुरक्षित रखने की दिशा में कार्यरत संगठन एक्सेस नाऊ ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसले के लिए संविधान पीठ के न्यायाधीशों को नायक का दर्जा दिया है।
इस संविधान पीठ में तत्कालीन न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन, न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एस बोबडे, न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सम्रे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।