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अंसल प्रापर्टीज के खिलाफ योगी सरकार ने कसा शिकंजा,दो एफआईआर दर्ज

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोपी अंसल प्रापर्टीज के खिलाफ सरकार ने शिकंजा कस दिया है।

लखनऊ के गोमती नगर थाने में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने अंसल प्रापर्टीज एंड इंफा लिमिटेड,प्रणव अंसल,सुशील अंसल,सुनील कुमार गुप्ता,फेरन्सेटी पैट्रिका अटकिशन और विनय कुमार सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316(5),318(4),61(2),352,351(2),338,336(3),340(2), 111 और प्रिवेंशन ऑफ डेमेज टु पब्लिक प्रापर्टी एक्ट 1984 की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज करायी है। आपराधिक धाराओं के तहत छह माह से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।

अंसल के निदेशक प्रणव अंसल,विकास यादव,महाप्रबंधक अमित शुक्ला और अन्य के खिलाफ गाजियाबाद देहात के डूंडाहेडा थाने में भी एक एफआईआर दर्ज की गयी है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अंसल इन्फ्रास्ट्रक्चर के मूल अनुमोदित क्षेत्रफल 1765 एकड़ से बढ़ाकर 3530 एकड़ प्रथम विस्तार के लिए स्वीकृति 30 जून 2010 को दी गई थी। इसकी डीपीआर 18.05.2010 को स्वीकृत की गई थी जबकि 13 दिसंबर 2013 को अंसल प्रॉपर्टीज 2935 एकड़ द्वितीय विस्तार के लिए स्वीकृति को दी गई थी। शासन की नीति अनुसार विकासकर्ता द्वारा बिजली घर, एसटीपी, ट्यूबवेल/पानी की टंकी की भूमि न खरीदने एवं मूल अनुमोदित योजना के अतिरिक्त नवीन सम्मिलित की गई भूमि के स्वामित्व अभिलेख प्रस्तुत न करने के कारण लेआउट आज तक स्वीकृत नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि अंसल समूह को एनसीएलटी द्वारा दिवालिया घोषित होने से बायर्स को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। लखनऊ में कई लोगों के पैसे एक दशक से ज़्यादा समय से अंसल ग्रुप में फंसे हुए हैं। अंसल समूह के खिलाफ प्रदर्शन और हंगामे के बाद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया। उन्होने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि सरकार धोखाधड़ी के शिकार लोगों की मदद करेगी और धोखाधड़ी करने वालों को सजा दिलायेगी।