लखनऊ, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में बड़े राजनीतिक समीकरण के संकेत मिलने लगे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच सोमवार को करीब तीन घंटे लंबी गुफ्तगू हुई है। हालांकि अखिलेश और प्रशांत किशोर (पीके) के बीच हुई इस मैराथन बैठक किस मुद्दे को लेकर थी, इसका कोई आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है, लेकिन इस गुफ्तगू के बाद राजधानी में सियासी अटकलें तेज हो गयी हैं कि महागठबंधन का सीएम फेस मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हो सकतें हैं।
प्रशान्त किशोर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से भी हाल ही में दो बार लम्बी बैठक कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि ये बैठकें चुनाव से पहले महागठबंधन को लेकर हैं। सपा इस गठबंधन में कांग्रेस को भी शामिल करना चाहती है। मुख्यमंत्री आज मुलायम से भी मिलने गये थे। चर्चा है कि गठबंधन को ही लेकर वहां भी चर्चा हुई है। मुलायम से मिलने के बाद अखिलेश ने इस बात के संकेत भी दिये। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि सपा और कांग्रेस चुनाव से पहले गठबंधन करना ही चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने से कौन रोक सकता है? हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और अन्य नेता इन अटकलों को बेबुनियाद बता रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों दल चुनाव से पहले गठबंधन चाहते हैं। मामला सीट बंटवारे को लेकर फंसा बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सपा बिहार की तर्ज पर उप्र में भी महागठबंधन बनाने की फिराक में है। इसमें प्रशांत किशोर की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।