अखिलेश यादव के कारनामो का खामियाजा भुगत रहे हैं पिछड़े व दलित समाज के नेता : ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की राजनीति हमेशा से पिछड़ों और दलितों के शोषण पर आधारित रही है। एक ओर वे पीडीए-पीडीए का राग अलापते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके कारनामों का खामियाजा पिछड़े और दलित समाज के नेता आज भी भुगत रहे हैं।

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गायत्री प्रजापति और रमाकांत यादव जैसे नेताओं को समाजवादी सरकार के गैरकानूनी कामों की वजह से आज जेल में रहना पड़ रहा है। अखिलेश यादव खुद बच जाते हैं, मगर पिछड़े और दलित समाज के नेता जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिए जाते हैं। यही अखिलेश यादव का असली चेहरा है। कारनामें अखिलेश करते हैं और सजा भुगतते हैं पीडीए समाज के नेता।
उन्होंने कहा कि सपा मुखिया का यह इतिहास रहा है कि वे पिछड़े और दलित नेताओं से गैरकानूनी काम कराते हैं और जब मामला गंभीर होता है तो उनसे किनारा कर लेते हैं। यही उनकी पीडीए पॉलिटिक्स की असलियत है।

ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के प्रेस कांफ्रेस के दौरान मंच से कुम्हार समाज का प्रतीक चिन्ह कुम्हार का चाक हटाने की घटना को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम अखिलेश यादव के मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि कुम्हार का चाक भारतीय संस्कृति, श्रमजीवी समाज और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उसे मंच से हटाना प्रजापति समाज और मेहनतकश बिरादरी का खुला अपमान है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों से हर कारीगर, हर श्रमजीवी समाज को सम्मान और बराबरी का अधिकार दे रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव का रवैया बताता है कि उनका पीडीए सिर्फ और सिर्फ पिछड़ा और दलितों पर अत्याचार पर आधारित है।

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव को यह समझना होगा कि कुम्हार का चाक कोई सामान्य प्रतीक नहीं है, यह भारतीय आत्मनिर्भरता, परंपरा और श्रम के सम्मान की धरोहर है। उसका मंच से हटाना बताता है कि अखिलेश यादव को पीडीए समाज से कोई सरोकार नहीं है। उनकी राजनीति सिर्फ वोट तक सीमित है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार श्रमजीवी समाज, कारीगरों और मेहनतकश जातियों को नई ऊंचाई देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। आने वाले समय में जनता अखिलेश यादव को उनके इस दोहरे चरित्र का जवाब देगी।

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