अखिलेश यादव के खिलाफ दायर याचिका में, कोई दम नहीं: सुप्रीम कोर्ट

 नई दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ दायर एक याचिका को आज बेकार करार दिया। याचिका में अखिलेश को लखनऊ स्थित वह बंगला खाली करने का निर्देश देने की मांग की गई थी जिसका इस्तेमाल वह कार्यालय के रूप में कर रहे थे और कहा गया था कि इसके अलावा वह एक अन्य घर रहने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, इसमें (याचिका में) अब कोई दम नहीं है। वह (यादव) चुनाव हार चुके हैं और अब तक तो बंगला खाली भी कर चुके होंगे। अब वह मुख्यमंत्री नहीं हैं। ऐसे में वह दोनों घरों को अपने पास कैसे रख सकते हैं। इसके बाद गैरसरकारी संगठन लोक प्रहरी द्वारा दायर अपील पीठ ने खारिज कर दी। लोक प्रहरी ने इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की थी। एनजीओ ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि यादव आवासीय और कार्यालयी उद्देश्य से दो आधिकारिक बंगलों का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह कब्जा अवैध है। शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि वह याचिका की सुनवाई राज्य में विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद करेंगे।

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