नई दिल्ली, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया है। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है। उप्र सहित पांच राज्यों के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा के शीघ्र बाद कांग्रेस ने फासीवादी ताकतों को सत्ता में आने से रोकने के लिए सपा के साथ अपने गठबंधन के विकल्प खुले रखने के संकेत दिए।
गठबंधन होने पर अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि सपा के साथ गठबंधन की अपुष्ट खबरें हैं। यदि ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर मैं उत्तर प्रदेश में एक युवा मुख्यमंत्री देखना चाहुंगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने अखिलेश से ही सिर्फ सुना है कि कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच गठबंधन होता है तो नतीजे अच्छे होंगे। शीला ने कहा कि यदि अखिलेश के चुनाव अभियान का नेतृत्व करने की खबर सही है तो मेरे लिए यह उपयुक्त होगा कि मैं दौड़ से हट जाउं। वह युवा और अनुभवी हैं। हालांकि, उन्होंने इन सुझावों को खारिज कर दिया कि उन्हें उप्र में बलि का बकरा बनाया जा रहा है क्योंकि वह पार्टी के फैसले का पालन करेंगी और उनसे उसका पालन करने को कहा जाएगा। वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से बातचीत में सपा से गठबंधन के बारे में पूछे जाने कहा फिलहाल, हम सभी 403 सीटों पर स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों पर काम कर रहे हैं। अब आगे क्या हो सकता है, वह बाद में पता चलेगा..लेकिन धर्मनिरपेक्ष दलों पर गठबंधन के लिए काफी दबाव है। बहरहाल, आजाद ने कहा कि आज से तीन दिनों तक 36 सदस्यीय राज्य चुनाव समिति की बैठक लखनऊ में होगी, जिसमें प्रत्याशियों के नाम तय किये जाएंगे। हालांकि उन्होंने आगामी चुनावों में किसी पार्टी के साथ गठबंधन की खुल कर हिमायत नहीं की।