लखनऊ, बांग्लादेश का नाम लिये बगैर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर प्रहार करते हुये कहा कि पड़ोसी मुल्क में व्याप्त अशांति के सार्थक समाधान के लिये विश्व बिरादरी के साथ मिलकर सकारात्मक पहल की जरुरत है।
अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि इतिहास गवाह है कि विभिन्न देशों में सत्ता के खि़लाफ़, उस समय की कसौटी पर, सही-गलत कारणों से हिंसक जनक्रांतियाँ, सैन्य तख़्तापलट, सत्ता-विरोधी आंदोलन विभिन्न कारणों से होते रहे हैं। ऐसे में उस देश का ही पुनरुत्थान हुआ है।
उन्होने कहा कि देशवासियों की रक्षा करना हर देश का कर्तव्य होता है। सकारात्मक मानवीय सोच के आधार पर, एक व्यक्ति के रूप में हर निवासी-पड़ोसी की रक्षा करना भी हर सभ्य समाज का मानवीय-दायित्व होता है, फिर वह चाहे किसी काल-स्थान-परिस्थिति में कहीं पर भी हो।
सपा प्रमुख ने कहा कि कई बार किसी देश के आंतरिक मामलों से प्रभावित होने वाले, किसी अन्य देश द्वारा एकल स्तर पर हस्तक्षेप करना वैश्विक राजनयिक मानकों पर उचित नहीं माना जाता है, मगर ऐसे में उस प्रभावित देश और उसके अपने सांस्कृतिक रूप से संबंधित व्यक्तियों की चतुर्दिक रक्षा के लिए, उस देश को अपनी मूक विदेश नीति को सक्रिय करते हुए, विश्व बिरादरी के साथ मिलकर साहसपूर्ण सकारात्मक मुखर पहल करनी चाहिए, जिससे सार्थक समाधान निकल सके।
उन्होने कहा कि जो सरकार ऐसे में मूक-दर्शक बनी रहेगी, वो ये मानकर चले कि ये उसकी विदेश नीति की नाकामी है कि उसके सभी दिशाओं के निकटस्थ देशों में परिस्थितियाँ न तो सामान्य हैं और न उसके अनुकूल। इसका मतलब है कि ‘भू-राजनीतिक’ नज़रिये से उसकी विदेश नीति में कहीं कोई भारी चूक हुई है। सांस्कृतिक-निकटस्थता के सूत्र से एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र को बांधकर आपसी समझबूझ और भाईचारे से ही विश्व के विभिन्न अशांत भू-खंडों में अमन-चैन लाया जा सकता है।