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अखिलेश यादव ने कहा,2022 में 400 सीटों पर हारेगी भाजपा

अंबेडकरनगर, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में इंकलाब होगा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 400 सीटों पर हार का सामना करना पड़ेगा।

भानुमति स्मारक पी.जी. कॉलेज में आयोजित जनादेश महारैली को सम्बोधित करते हुये अखिलेश ने कहा कि जनता में भाजपा को लेकर भारी आक्रोश है। भाजपा का सफाया होना तय है। चुनाव में पिछड़ों का इंकलाब होगा और सन् 2022 में बड़ा बदलाव होगा। बदलाव का संदेश पूरे देश में जा रहा है। जनता चार सौ सीटों पर भाजपा को हरा देगी।

इस अवसर पर बसपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लालजी वर्मा एवं रामअचल राजभर ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। अखिलेश ने सपा सरकार में महंगाई से निजात दिलाने और बुनकरों-गरीबों को बिजली दरों में राहत दिलाने का भरोसा दिया। बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली मिलेगी। पुरानी पेंशन बहाल करेंगे।

उन्होने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया और डॉ भीमराव अम्बेडकर की विचारधाराओं पर चलने से ही समता मूलक समाज के निर्माण का सपना पूरा हो सकता है। उन्होंने देश की राजनीति में परिवर्तन लाने की कोशिश की थी। आज जाति-धर्म में बांटने का प्रयास हो रहा है। हमें लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी को भारी जनसमर्थन मिल रहा है। भाजपा जहां चुनाव हारी है वहां कीमतों में कमी आई है। भाजपा उत्तर प्रदेश में हारेगी तो यहां भी महंगाई कम हो जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने समाज के सभी वर्गों के साथ अन्याय किया है। किसानों को बर्बाद किया है। भाजपा की तीन इंजन की सरकार यानी केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और लखीमपुर खीरी के मंत्री सभी ने किसानों को कुचलने का काम किया है। किसान की आय दुगनी नहीं हुई। मानवाधिकार आयोग ने पुलिस हिरासत में हुई मौतों पर सबसे ज्यादा नोटिसें उत्तर प्रदेश सरकार को दी। उन्होंने कहा इस सरकार ने गरीबों से वोट लिया, अमीरों से नोट लिया और सरकारी सम्पत्तियां बेच कर चोट किया।

उन्होने कहा गरीबों के हित में समाजवादी सरकार की जितनी अच्छी योजनाएं थी वह सब भाजपा सरकार ने बंद कर दी। लाल सिलेण्डर बांटने वालों ने इसके दाम आसमान तक चढ़ा दिए हैं। हो सकता है महंगाई कम करने को सिलेण्डर का नाम और रंग बदल दे भाजपा सरकार। पेट्रोल 100 के पार है। इस सरकार में बिजली के बिल का करंट गरीबों को लग रहा है।