अखिलेश यादव ने मनाया खजांची का जन्मदिन, नोटबंदी पर किया एक और वार
December 4, 2017
इटावा ,नोटबंदी के बाद बैंक की लाइन में जन्मे खजांची नाथ एक साल का हो गए. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पूरे खजांची और पूरे परिवार को सैफई बुलाकर उसका जन्म दिन मनाया. खजांची के जन्म दिन पर केक काटा गया और ढेर सारे गिफ्ट दिए गए. खजांची का स्वास्थ्य परिक्षण भी कराया .इस मौके पर अखिलेश यादव ने नोटबन्दी को लेकर सवाल खड़े किए.
नोटबंदी के दौरान खजांची की मां बैंक से रुपये निकालने गई थी. तभी उन्हें प्रसव पीड़ा हुई और दर्द से तड़पती हुई वह जमीन पर गिर पड़ीं. बाद में वहीं बैंक की सीढ़ियों पर उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम खजांची रखा गया. अखिलेश यादव ने खजांची का जन्मदिन मनाने की तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी. खजांची और उसके परिवार को बुलाने के लिए 29 नवंबर को ही उन्होंने उसके गांव के पूर्व प्रधान नीरू सिंह को फोन करके सैफई भेजने का आमंत्रण दिया था.
अखिलेश यादव को खजांची की मां ने बताया कि वह कई दिनों से बीमार चल रहा है. इलाज के लिए अब तक वह डॉक्टर को 60 हजार रुपये दे चुकी हैं.अखिलेश ने खजांची का पूरा चेकअप करवाया और उसे दवाएं दिलवाईं. अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने 2 लाख रुपये खजांची के भविष्य के लिए दिए थे लेकिन उसमें से 60 हजार रुपये डॉक्टर ले गए. बीजेपी सरकार को चाहिए था कि उनकी सरकार है कम से कम खजांची का इलाज तो फ्री में करवा देते.
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने खजांची के परिवार को लोहिया आवास दिया लेकिन बीजेपी सोचे की उसने क्या किया. बीजेपी ने सिर्फ जनता को धोखा दिया है. खजांची और खजांची जैसे गरीब परिवारों को नोटबंदी से कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि अब वह खजांची के गांव का विकास करवाएंगे.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खजांची के जन्मदिन पर कहा कि नोटबंदी में बैंक की कतार में जन्मा ‘ख़ज़ांची’ एक साल का हो गया, लेकिन उसके घरवालों का खाता आज भी ख़ाली है. वह काला धन वापस आने की झूठी उम्मीदों की क़तार में आज भी खड़े हैं. वह गरीब-भोले लोग तो ये भी नहीं जानते कि “राजनीतिक जुमला” किसे कहते हैं.
इस मौके पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि जब हम विकास की बात कर रहे थे बीजेपी जाति और धर्म की बात कर रही थी. उन्होंने कहा कि जब हम एक्सप्रेस-वे की बात कर रहे थे, तो बीजेपी श्मशान और कब्रिस्तान पर अटकी थी. जब वह मेट्रो और समाजवादी पेंशन की बात कर रहे थे तो बीजेपी रमजान और दिवाली की बात कर रही थी. बीजेपी ने सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया है.